Wednesday, 16 April 2025
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जानें  गणेश जी ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

जानें गणेश जी ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

 भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। उनकी पूजा बुद्धि, ज्ञान और शुभता के प्रतीक के रूप में होती है। गणेश जी का वाहन एक छोटा सा चूहा है, जिसे मूषक राज के नाम से जाना जाता है। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर गणेश जी ने मूषक राज को ही वाहन के रूप क्यों स्वीकार किया आइए यहां जानते हैं।

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा  करने से जीवन में होगी सभी सुखों की प्राप्ति

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से जीवन में होगी सभी सुखों की प्राप्ति

सनात न धर्म में प्रदोष व्रत का अधिक महत्व है। इस दिन महादेव के संग मां पार्वती की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार, चैत्र माह का पहला प्रदोष व्रत 27 मार्च को किया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा संध्याकाल में करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, विधिपूर्वक प्रदोष व्रत करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी तरह के भय से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा दान करने का भी विशेष महत्व है।

कब है पापमोचनी एकादशी-चैत्र नवरात्र, आइए जानते हैं इस माह के व्रत और त्योहार

कब है पापमोचनी एकादशी-चैत्र नवरात्र, आइए जानते हैं इस माह के व्रत और त्योहार

फाल्गुन माह के समापन के बाद अब चैत्र के महीने की शुरुआत हो गई है। इस महीने में मां दुर्गा, भगवान श्रीराम और सूर्य देव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विशेष चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।

काशी विश्वनाथ मंदिर में कब और कौन करते हैं सप्तर्षि आरती? आइए, इसके बारे में जानें सबकुछ

काशी विश्वनाथ मंदिर में कब और कौन करते हैं सप्तर्षि आरती? आइए, इसके बारे में जानें सबकुछ

सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त सोमवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। सोमवार के दिन बाबा की नगरी काशी में विश्वनाथ मंदिर में देवों के देव महादेव की विशेष पूजा की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि विश्वनाथ मंदिर में सप्तर्षि आरती कब की जाती है? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं।

रमजान को संयम का महीना माना जाता है,यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास  है

रमजान को संयम का महीना माना जाता है,यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास है

रमजान रहमतों, बरकतों और 'गुनाहों से निजात का महीना है। रमजान वो महीना है, जिसमें आप अपनी इबादतों से अपने गुनाह और गलतियां माफ करवा सकते हैं। अल्लाह और उसके रसूल ने कुरआन में वादा किया है कि इस माह जो भी बंदा हमारे बताए नियमों का पालन करते हुए इबादत करेगा, तो उसका सवाब आम दिनों से कई गुना ज्यादा मिलेगा। हर जायज दुआ कुबूल होगी। इस्लाम के पांच स्तंभ हैं, कलमाये शहादत की गवाही, नमाज, जकात, रोजा और हज। यही इस्लाम की बुनियाद है। यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास है, तो चलिए ''मंजर भोपाली मशहूर शायर'' से जानते हैं इस बारे में।

झारखंड के सोनमेर मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

झारखंड के सोनमेर मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

झारखंड की राजधानी रांची को झरनों का शहर कहा जाता है। इसके आस पास के इलाकों में कई पर्यटन स्थल है, जो पर्यटकों के लिए खास हैं। झरनों के अलावा यहां स्थित मंदिरों का इतिहास भी काफी रोचक है, चाहे वो तमाड़ का देउड़ी मंदिर हो या फिर रांची का पहाड़ी मंदिर। पिछले कुछ दिनों से रांची से सटे खूंटी के कर्रा प्रखंड में स्थित सोनमेर मंदिर की काफी चर्चा है। 

हिंदू धर्म के पुराणों से आयुर्वेद तक: मेंहदी क्यों है इतनी खास

हिंदू धर्म के पुराणों से आयुर्वेद तक: मेंहदी क्यों है इतनी खास

 मेहंदी, जिसे हिना के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के सोलह श्रंगारों में से एक महत्वपूर्ण तत्व है। यह वास्तव में एक पत्ते से प्राप्त होती है। इसे हाथों, पैरों, नाखूनों और बाजुओं पर लगाया जाता है। वनस्पति विज्ञान के अनुसार, मेंहदी का वैज्ञानिक नाम ‘लॉसोनिया इनर्मिस’ है, और यह लिथेसिई परिवार का एक कांटेदार पौधा है।

रमजान का महीना होने वाला है  शुरू , जानें जकात का महत्व

रमजान का महीना होने वाला है शुरू , जानें जकात का महत्व

 इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, रमजान का महीना चांद के दर्शन पर निर्भर करता है। वर्ष 2025 में, रमजान का पवित्र महीना 28 फरवरी 2025 से शुरू हो सकता है। इसके बाद, 1 मार्च 2025 को पहला रोजा रखा जाएगा।

56वें वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह में  श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम

56वें वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम

भक्त और भगवान के बीच में है सद्गुरु -चित्र विचित्र महाराज

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निरंजनी अखाड़े की महामण्डलेश्वर संजनानंद गिरी ने चंडीगढ में चतुष्पथ धर्म यात्रा का किया शंखनाद

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भगवान श्री महावीर जैन श्वेतांबर मंदिर में प्रतिष्ठा व संक्रांति महोत्सव 13 फरवरी को

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जाने अघोरी साधु श्मशान में क्यों करते हैं शव साधना? क्या है इसकी वजह

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प्रदोष व्रत पर करें इस कथा का पाठ, शुरू हो जाएंगे शुभ फलों की प्राप्ति

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 दोष को दूर करने के लिए माघ पूर्णिमा पर इन चीजों के दान से श्रीहरि होंगे प्रसन्न, चंद्र दोष होगा दूर

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वसंत पंचमी के पर्व  पर  मां सरस्वती को लगाएं इन चीजों का भोग, मनचाहा मिलेगा करियर

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जाने  कब है महाशिवरात्रि? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

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