चंडीगढ़ | षटतिला एकादशी का हिंदुओं के बीच बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। माघ महीन के कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को षटतिला एकादशी मनाई जाती है। इस साल यह एकादशी 25 जनवरी को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन का व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही सभी पापों का नाश होता है। वहीं, इस पावन तिथि को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है, तो आइए उनके बारे में जानते हैं।
षटतिला एकादशी के नियम
- षटतिला एकादशी पर तामसिक भोजन जैसे - शराब, मांस, मछली, प्याज, लहसुन और अनाज का सेवन करने से बचना चाहिए।
- इस दिन फलहारी चीजें जैसे - फल, दूध, मेवा, मिष्ठान, सिंघाड़े के आटा, कुट्टू और आलू आदि का सेवन कर सकते हैं।
- इस दिन चावल खाने की पूरी तरह से मनाही है।
- षटतिला एकादशी पर तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
- एकादशी व्रत से एक दिन पहले ही तुलसीपत्र तोड़कर रख लेना चाहिए।
- आशीर्वाद और सौभाग्य के लिए इस दिन 'श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।' या किसी अन्य भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए।
- इस दिन भगवान कृष्ण और नारायण को तुलसी पत्र के साथ ही भोग लगाएं।
- इस शुभ मौके पर श्री हरि की कृपा प्राप्ति के लिए कमल का फूल उन्हें जरूर चढ़ाएं।
- एकादशी व्रत से एक दिन पहले सिर धो लें, क्योंकि इस तिथि पर बाल नहीं धोना चाहिए।
- इस शुभ तिथि पर भक्तों के लिए दिन में सोना मना है, खासकर जब वे उपवास कर रहे हों।
- इस दिन झूठ बोलने और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने से भी बचना चाहिए।
- इस मौके पर जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
विष्णु जी पूजा मंत्र
- ॐ विष्णवे नम:।।
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
- ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।