Sunday, 27 April 2025
BREAKING
हरियाणा के स्कूलों में चलेगा स्वास्थ्य जीवन अभियान अमेरिका पहुंचा पुतिन का दूत, यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप के अधिकारियों से होगी बात पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की होगी मुलाकात, भारत-बांग्लादेश के संबंधों में क्या आएगा सुधार? 600 परिवार को बेदखल करेगा वक्फ बिल? एक जमीन का टुकड़ा बना BJP का सियासी हथियार हम एक मजबूत भारत का निर्माण कर सकते हैं : पीएम मोदी 5जी डाउनलोड स्पीड में जियो सबसे तेज़- ऊकला खालिस्तानी समर्थक पन्नू को आप नेताओं ने दिया मुंह तोड़ जवाब वक्फ बिल में किए गए संशोधन असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक हैं: बलबीर सिद्धू भाजपा ने हाउस टैक्स के खिलाफ खोला मोर्चा, मुख्य सचिव से मिलकर जताया विरोध शहर वहीं तरक्की करता है जिसे देखने के लिए बाहर से लोग आते हैं : ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज

धर्म कर्म

प्रदोष व्रत पर करें इस कथा का पाठ, शुरू हो जाएंगे शुभ फलों की प्राप्ति

Updated on Sunday, February 09, 2025 11:28 AM IST

नई दिल्ली। प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने आता है। इस दिन लोग भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। प्रदोष व्रत पर शाम के समय पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत आध्यात्मिक विकास, समृद्धि और जीवन की सभी बाधाओं का नाश करता है। यह व्रत हिंदू धर्म में सबसे शुभ और शक्तिशाली अनुष्ठानों में से एक माना जाता है, जिसे लोग पूर्ण श्रद्धा के साथ मनाते हैं। वहीं, जो साधक इस कठिन व्रत का पालन कर रहे हैं, उन्हें इसकी व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए, क्योंकि यह पूजा का अहम हिस्सा है, तो आइए यहां पढ़ते हैं।

प्रदोष व्रत कथा

एक समय की बात है अंबापुर गांव में एक ब्रह्माणी वास करती थी। उसके पति का निधन हो गया था, जिस वजह से वह भिक्षा मांगकर अपना जीवन व्यतीत कर रही थी। एक दिन जब वह भिक्षा मांगकर लौट रही थी, तो उसे दो छोटे बच्चे मिलें जो अकेले थे, जिन्हें देखकर वह काफी परेशान हो गई थी।

वह विचार करने लगी कि इन दोनों बालक के माता-पिता कौन हैं? इसके बाद वह दोनों बच्चों को अपने साथ घर ले आई। कुछ समय के बाद वह बालक बड़े हो गएं। एक दिन ब्रह्माणी दोनों बच्चों को लेकर ऋषि शांडिल्य के पास जा पहुंची। ऋषि शांडिल्य को नमस्कार कर वह दोनों बालकों के माता-पिता के बारे में जानने की इच्छा व्यक्त की।

तब ऋषि शांडिल्य ने बताया कि ''हे देवी! ये दोनों बालक विदर्भ नरेश के राजकुमार हैं। गंदर्भ नरेश के आक्रमण से इनका राजपाट छीन गया है। अतः ये दोनों राज्य से पदच्युत हो गए हैं।'' यह सुन ब्राह्मणी ने कहा कि ''हे ऋषिवर! ऐसा कोई उपाय बताएं कि इनका राजपाट वापस मिल जाए।'' जिसपर ऋषि शांडिल्य ने उन्हें प्रदोष व्रत करने की सलाह दी। इसके बाद ब्राह्मणी और दोनों राजकुमारों ने प्रदोष व्रत का पालन भाव के साथ किया। फिर उन दिनों विदर्भ नरेश के बड़े राजकुमार की मुलाकात अंशुमती से हुई।

दोनों विवाह करने के लिए राजी हो गए। यह जान अंशुमती के पिता ने गंदर्भ नरेश के विरुद्ध युद्ध में राजकुमारों की सहायता की, जिससे राजकुमारों को युद्ध में विजय प्राप्त हुई। प्रदोष व्रत के प्रभाव से उन राजकुमारों को उनका राजपाट फिर से वापस मिल गया। इससे प्रसन्न होकर उन राजकुमारों ने ब्राह्मणी को दरबार में खास स्थान दिया, जिससे ब्राह्मणी की गरीबी दूर हो गई है और वह भी शिव भक्ति में लीन रहने लगी।

Have something to say? Post your comment
जानें Kainchi Dham क्यों कहलाता है नीब करौली बाबा का आश्रम

: जानें Kainchi Dham क्यों कहलाता है नीब करौली बाबा का आश्रम

जानें  गणेश जी ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

: जानें गणेश जी ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा  करने से जीवन में होगी सभी सुखों की प्राप्ति

: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से जीवन में होगी सभी सुखों की प्राप्ति

कब है पापमोचनी एकादशी-चैत्र नवरात्र, आइए जानते हैं इस माह के व्रत और त्योहार

: कब है पापमोचनी एकादशी-चैत्र नवरात्र, आइए जानते हैं इस माह के व्रत और त्योहार

काशी विश्वनाथ मंदिर में कब और कौन करते हैं सप्तर्षि आरती? आइए, इसके बारे में जानें सबकुछ

: काशी विश्वनाथ मंदिर में कब और कौन करते हैं सप्तर्षि आरती? आइए, इसके बारे में जानें सबकुछ

रमजान को संयम का महीना माना जाता है,यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास  है

: रमजान को संयम का महीना माना जाता है,यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास है

झारखंड के सोनमेर मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

: झारखंड के सोनमेर मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

हिंदू धर्म के पुराणों से आयुर्वेद तक: मेंहदी क्यों है इतनी खास

: हिंदू धर्म के पुराणों से आयुर्वेद तक: मेंहदी क्यों है इतनी खास

रमजान का महीना होने वाला है  शुरू , जानें जकात का महत्व

: रमजान का महीना होने वाला है शुरू , जानें जकात का महत्व

56वें वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह में  श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम

: 56वें वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम

X