Monday, 21 April 2025
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सोमवती अमावस्या पर पितृ स्तोत्र का पाठ करने से होगा पितृ दोष दूर

सोमवती अमावस्या पर पितृ स्तोत्र का पाठ करने से होगा पितृ दोष दूर

 इस वर्ष की अंतिम अमावस्या सोमवार को आ रही है, इसलिए इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाएगा। इस दिन श्रीहरि और पितरों के साथ महादेव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही, कुछ विशेष वस्तुओं का दान करना भी आवश्यक है। ऐसा करने से व्यक्ति को पितरों की कृपा प्राप्त होती है। यदि आप पितृ दोष का सामना कर रहे हैं, तो सोमवती अमावस्या के दिन पितृ स्त्रोत और पितृ कवच का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ देवता प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष समाप्त होता है, साथ ही सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है।

नए साल में कब है फुलेरा दूज, जाने शुभ मुहूर्त

नए साल में कब है फुलेरा दूज, जाने शुभ मुहूर्त

हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व भगवान कृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि फुलेरा दूज के दिन से भगवान श्रीकृष्ण ने फूलों की होली खेलने की शुरुआत की थी। तभी से हर साल मथुरा समेत पूरे ब्रज में फुलेरा दूज के पर्व को मनाने की परंपरा जारी है। इस शुभ अवसर पर श्री राधा कृष्ण की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है, जिससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ऐसे में आइए इस आपको बताते हैं कि फुलेरा दूज के शुभ मुहूर्त के बारे में।

मीठी ठंड के बीच धूमधाम से मनाया गया 18वां गुरुग्राम संकीर्तन महोत्सव-2024

मीठी ठंड के बीच धूमधाम से मनाया गया 18वां गुरुग्राम संकीर्तन महोत्सव-2024

श्री श्याम बजरंंग परिवार गुरुग्राम व श्री श्याम परिवार फाउंडेशन गुरुग्राम की ओर से शनिवार की रात को 18वां मेला श्री श्याम धनी सरकार का गुरुग्राम संकीर्तन महोत्सव-2024 धूमधाम से मनाया गया। यहां बस अड्डे के सामने गौशाला मैदान में हुए भव्य आयोजन में बरसानेे से लेकर गुरुग्राम, दिल्ली, कोलकाता के कलाकारों ने मधुर भजनों से रात भर भक्ति रस में डुबोये रखा।

जल्द बृहस्पति होंगे मार्गी, इन 3 राशियों की पलटेगी किस्मत

जल्द बृहस्पति होंगे मार्गी, इन 3 राशियों की पलटेगी किस्मत

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल व स्थिति का बेहद महत्व है, क्योंकि इसका असर प्रत्येक राशि के जीवन पर पड़ता है। कहते हैं कि ग्रह एक राशि में सीमित काल के लिए ही रहते हैं। बता दें, ग्रहों के इन राशि परिवर्तन का असर 12 राशियों पर अलग-अलग तरह से पड़ता है। जैसे कि फरवरी साल 2025 में देव गुरू बृहस्पति वृषभ राशि में मार्गी होने जा रहे हैं, जिसका असर कुछ राशियों पर काफी ज्यादा पड़ेगा। माना जा रहा है कि यह बहुत ही लाभकारी होगा है, तो आइए उन लकी राशियों के नाम जानते हैं, जिनकी खाली झोली जल्द भरने वाली है।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन मनाया जाएगा तुलसी पूजन दिवस, नोट करें नियम और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन मनाया जाएगा तुलसी पूजन दिवस, नोट करें नियम और शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में पूजन दिवस का विशेष महत्व है। इस दिन भक्त तुलसी माता की पूजा करते हैं और उनके लिए व्रत रखते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, तुलसी पूजन दिवस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। माना जाता हैं कि तुलसी के पौधे में देवी लक्ष्मी का वास होता है और उनकी पूजा से भगवान श्री हरि विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। अगर आप सुख-शांति की कामना करते हैं, तो आपको मां तुलसी की उपासना जरूर करनी चाहिए, तो आइए इस दिन  से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।

जाने महाकुंभ में अखाड़ा क्या होता है, किसने दिया इसका नाम?

जाने महाकुंभ में अखाड़ा क्या होता है, किसने दिया इसका नाम?

इस बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन बड़े स्तर पर किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से इंसान को सभी पापों से छुटकारा मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ में अधिक संख्या में लोग स्नान स्नान के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में बेहद खास नजारा देखने को मिलता है। महाकुंभ का संबंध समुद्र मंथन से है। पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन से अमृत कलश निकला था, जिसे कुंभ का प्रतीक माना जाता है। महाकुंभ में साधु संतों के कई अखाड़े (Akhada History) देखने को मिलते हैं। सभी अखाड़े अपनी अहम भूमिका निभाते हैं।

4 साहिबजादे की वीरता सिखों के इतिहास का सुनहरा पन्ना है, धर्म के लिए बलिदान का ऐसा उदाहरण कहीं नहीं

4 साहिबजादे की वीरता सिखों के इतिहास का सुनहरा पन्ना है, धर्म के लिए बलिदान का ऐसा उदाहरण कहीं नहीं

देश अब से 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस' के रूप में मनाएगा। पीएम मोदी के श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव के अवसर पर चार साहिबजादों को समर्पित वीर बाल दिवस मनाने के ऐलान का पंजाब में चौतरफा स्वागत हो रहा है। प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेसी भी दवी-दबी जुबान में इसका स्वागत कर रहे हैं। पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिंदर ढिल्लों ने कहा कि यह फैसला प्रशंसनीय है, लेकिन बेहतर होता अगर चुनाव से पहले किया जाता। ऐसे में आज आपको बताते हैं कि सिख धर्म के इतिहास में 26 दिसंबर का क्या महत्व है, और पंजाब में विधानसभा चुनाव से एक महीने पहले प्रधानमंत्री की घोषणा का राजनीतिक संदर्भ क्या है?

जानें खरमास में तुलसी पूजा का खास महत्व

जानें खरमास में तुलसी पूजा का खास महत्व

खरमास एक विशेष समय होता है, जो साल में दो बार आता है।हिन्दू धर्म में इसे अशुभ माना जाता है, इसलिए इस समय कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी, गृहप्रवेश, या मुंडन संस्कार नहीं किए जाते। धार्मिक दृष्टिकोण से यह समय भगवान की भक्ति, पूजा और आत्म-शुद्धि का होता है।

जानें किस दिन मनाई जाएगी साल की अंतिम पूर्णिमा, अभी नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त

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महाकुंभ 2025 : जानें कुंभ मेला में क्यों किया जाता है कल्पवास, क्या है इसके पीछे का कारण?

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जानिए 4 या 5 दिसंबर, कब है विनायक चतुर्थी? यहां पढ़ें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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 जानिए कब है अगहन की मासिक शिवरात्रि? निशिता काल में होगी शिव पूजा, देखें शुभ मुहूर्त

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 जानें अंगूठी से ही क्यों भरा जाता है दुल्हन की मांग में सिंदूर

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इस समुदाय में लिए जाते हैं 7 की जगह सिर्फ 4 फेरे, जानें इसके पीछे की कहानी भी है बड़ी रोचक

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जब माँ बनी बेटी...

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इस पावन दिन मनाया जाएगा तुलसी विवाह का पर्व, जानें शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि

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 नवंबर में कब मनाई जाएगी गणाधिप संकष्टी चतुर्थी? ये है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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जानिए  छठ पूजा मनाने  का धार्मिक महत्व

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जानिए क्यों मनाते हैं भाई दूज का पर्व, ये है तिलक करने का शुभ मुहूर्त

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इन गुणों की वजह मां लक्ष्मी श्रीहरि को मान बैठी थीं पति, बेहद रोचक है वजह

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जानें  रमा एकादशी पर पूजा की  विधि और शुभ मुहूर्त

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