चंडीगढ़ । हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व भगवान कृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि फुलेरा दूज के दिन से भगवान श्रीकृष्ण ने फूलों की होली खेलने की शुरुआत की थी। तभी से हर साल मथुरा समेत पूरे ब्रज में फुलेरा दूज के पर्व को मनाने की परंपरा जारी है। इस शुभ अवसर पर श्री राधा कृष्ण की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है, जिससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ऐसे में आइए इस आपको बताते हैं कि फुलेरा दूज के शुभ मुहूर्त के बारे में।
फुलेरा दूज 2025 डेट और टाइम
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 01 मार्च को रात्रि 03 बजकर 16 मिनट से हो रही है। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 02 मार्च को रात्रि 12 बजकर 09 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए फुलेरा दूज 01 मार्च को मनाई जाएगी।
शुभ मुहूर्त
- अमृत काल - सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक
- ब्रह्म मुहूर्त -सुबह 05 बजकर 07 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से 03 बजकर 16 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 43 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त -रात्रि 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक
फुलेरा दूज का महत्व
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, फुलेरा दूज का दिन सभी तरह के दोषों से मुक्त होता है। इसी वजह इस दिन शुभ और मांगलिक काम किए जाते हैं। इसलिए इसे अभुज मुहूर्त भी कहा जाता है। इस शुभ अवसर पर राधा कृष्ण के मंदिरों को सुंदर तरीके से सजाया जाता है। इस दौरान बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी पर फूल अर्पित किए जाते हैं। ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
पूजा के दौरान करें इस मंत्र का जप
- ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
- परेशानियी दूर करने वाला मंत्र
- हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन।
- आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन।।