नई दिल्ली। राहुल गांधी, भारत और चीन के संबंधों पर लगातार संवेदनशील टिप्पणी कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब एक अमेरिकी से बातचीत में भारत को असहिष्णु करार देकर घिर गए हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जहां डोकलाम के पहले उनके चीनी राजदूत से मिलने की याद दिलाते हुए तंज किया कि राहुल समानांतर सूचना व्यवस्था चलाते हैं। वहीं भाजपा के दूसरे नेता व प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राहुल विश्व के सामने देश को बदनाम करने पर तुले हैं। यह तुच्छ राजनीति कांग्रेस को रसातल में ले जाएगी।
लद्दाख मसले पर राहुल गांधी कई दिनों से लगातार सवाल उठाते आ रहे हैं। हालांकि उन्हें राजनीतिक दलों की ओर से ही नहीं बल्कि कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों की ओर से भी याद दिलाया जा रहा था कि विपक्षी दल के नेता को इस तरह सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करनी चाहिए वो भी तब जब दोनों देशों के बीच वार्ता हो रही है।शुक्रवार को रविशंकर ने याद दिलाया कि चीन के साथ डोकलाम विवाद से पहले भी राहुल चीनी राजदूत से मिले थे। पहले तो राहुल इस मुलाकात की बात छिपाते रहे लेकिन जब दबाव बढ़ा और सच्चाई बाहर आने लगी तो उन्होंने कबूल किया। उन्होंने तंज किया - राहुल पीएम से भारत चीन विवाद पर सार्वजनिक बयान चाहते हैं लेकिन लगता है राहुल गांधी समानांतर सूचना तंत्र चलाते हैं। इससे पहले रविशंकर राहुल की रणनीतिक और आर्थिक समझ पर सवाल उठा चुके हैं। राहुल ने पहले ट्वीट कर कहा था कि वह अहम मुद्दों पर जागरूक रहने के लिए चीन के राजदूत, भूटान के राजदूत आदि से मिले थे। राहुल के इस ट्वीट पर भाजपा के ही एक कार्यकर्ता का भी रोचक सवाल था, तो क्या अब आप कश्मीर मुद्दे को समझने के लिए पाकिस्तान के हाई कमिश्नर से मिलेंगे।
रविशंकर ने याद दिलाया कि चीन के साथ डोकलाम विवाद से पहले भी राहुल चीनी राजदूत से मिले थे
शुक्रवार को ही दूसरा मुद्दा भी सामने आ गया जब राहुल ने अमेरिकी राजनेता निकोलस बर्न्स से बातचीत में असहिष्णुता का सवाल खड़ा कर दिया और अमेरिका में श्वेत-अश्वेत की तर्ज पर भारत में हिदू मुस्लिम की बात की। शाहनवाज ने कहा कि देश को बदनाम करना राहुल की पहचान बन गई है। वह और कांग्रेस अक्सर ऐसा करते हैं जिससे देश के दुश्मनों को मौका मिले। विकीलीक्स में पहले भी खुलासा हुआ था कि उन्होंने किस तरह देश की सांस्कृतिक पहचान को धूमिल करने का प्रयास किया था। वह देश के लिए कुछ अच्छा नहीं कर सकते हैं तो कम से कम खरोंच लगाना बंद करें। दुनिया जानती है कि भारत न सिर्फ सबसे बड़ा लोकतंत्र है बल्कि यहां सर्वधर्म समभाव है। विश्व में इसकी मिसाल दी जाती है। लेकिन राहुल को भारतीय सभ्यता की समझ ही नहीं है। वह कभी देश की सेना पर सवाल उठाते हैं तो कभी कभी संवैधानिक संस्थाओं पर। यह तुच्छ राजनीति कांग्रेस को नेस्तनाबूद कर देगी।