चंडीगढ़। तीन राज्यों में हार के बाद अब कांग्रेस के सुर बदलने लगे हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि अगर इनेलो को आईएनडीआईए गठबंधन का हिस्सा बनाया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी और वह इसका विरोध नहीं करेंगे।
पूर्व सीएम बोले, सरकार ने सदन में नहीं दिया किसी भी मुद्दे का सही जवाब
बेरोजगारी व नौकरियों में भ्रष्टाचार पर बोले,सिर्फ कसम खाने से नहीं चलेगा काम
बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि यदि इनेलो को आइएनडीआइए गठबंधन का हिस्सा बनाया जाता है तो उन्हें इस पर कोई ऐतराज नहीं है। आम आदमी पार्टी को सीटों के बंटवारे से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने कहा कि फिलहाल कांग्रेस राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपने बूते चुनाव लडऩे में सक्षम है। जब सीटों के बंटवारे की बात आएगी, टेबल पर बैठा जाएगा, अंतिम फैसला तब किया जाएगा।
हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान समेत करीब एक दर्जन विधायकों के साथ मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 2024 प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। उन्होंने विधानसभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र में कांग्रेस द्वारा उठाए गए जनहित के मुद्दों पर सरकार की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिए जाने के आरोप लगाए। हुड्डा ने कहा कि सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गीता पर हाथ रखकर कसम खाई है। सदन में झूठ नहीं बोला जाता। जो व्यक्ति सच्चा होता है, उसे कसम खाने की जरूरत नहीं होती। यदि उनकी कसम को सही मान भी लिया जाए तो कसम खाने से पूर्व राज्य में सरकारी नौकरियों में जितने भ्रष्टाचार हुए, उन पर सरकार क्या कार्रवाई करने जा रही है, मुख्यमंत्री को यह भी स्पष्ट करना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस हमेशा ठेकेदारी प्रथा को खत्म करने के पक्ष में रही है, लेकिन भाजपा सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भर्तियां आरंभ कर स्वयं ठेकेदारी संभाल ली है। इन नौकरियों में न प्रमोशन है, न आरक्षण है, न पूरा वेतन है और न ही रिटायरमेंट है। एक साल की नौकरी के बाद सबको बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। हुड्डा ने नीति आयोग द्वारा राज्य में नौ प्रतिशत और सीएमआइ की रिपोर्ट में 30 प्रतिशत बेरोजगारी होने का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में बेरोजगारी दर मात्र 2.9 प्रतिशत थी। नेशनल स्तर पर यह चार प्रतिशत है।