शिमला। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा विकास आयुक्त (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम), एमएसएमई मंत्रालय, सरकार के कार्यालय के सहयोग से बौद्धिक संपदा अधिकार (राष्ट्रीय आईपी यात्रा) पर दो दिवसीय कार्यक्रम आज उद्योगों में बौद्धिक संपदा अधिकार की प्रासंगिकता पर अंतर्दृष्टि के साथ संपन्न हो गया।
एमएसएमई, स्टार्टअप व इनोवेटर्स ने लिया भाग
राष्ट्रीय आईपी यात्रा कार्यक्रम में एमएसएमई, स्टार्ट-अप, इनोवेटर्स, संभावित उद्यमियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और विभिन्न क्षेत्रों में बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) की बढ़ती रुचि और महत्व को प्रदर्शित किया। आज आयोजित तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करते हुए एनएसआईसी के पूर्व सीएमडी और पीएचडीसीसीआई के सलाहकार डॉ.एच.पी.कुमार ने कहा कि आईपीआर मुद्दों पर विभिन्न विचार-विमर्श के लिए मंच तैयार किया गया है।
इस कार्यक्रम में आईपी अधिकारों के प्रवर्तन सहित कई विषयों को शामिल किया गया, जहां वसंत चंद्र, प्रमुख-अभियोजन पक्ष, यूनाइटेड और यूनाइटेड ने व्यवसायों, उद्यमियों और नवप्रवर्तकों के लिए आईपी सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के लिए विभिन्न रणनीतियों के बारे में विस्तार से बताया, जैसे कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और पेटेंट पंजीकृत करना, गोपनीयता अनुबंध बनाना और सुरक्षा उपायों को लागू करना।
यूनाइटेड और यूनाइटेड के एसोसिएट आकाश चौधरी ने आईपीआर उल्लंघन के कानूनी पहलुओं पर चर्चा की और पेटेंट, उपयोगिता मॉडल, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट सहित बौद्धिक संपदा के व्यापक दायरे पर भी प्रकाश डाला। सत्र को पीएचडीसीसीआई हिमाचल चेप्टर के चेयर नरेंद्र भारद्वाज,सह-अध्यक्ष विशाल चौहान,पीएचडीसीसीआई की निदेशक सुश्री कंचन जुत्शी, रेजिडेंट निदेशक अनिल सौंखला समेत कई गणमान्यों ने संबोधित किया।