चंडीगढ़,20 अक्तूबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) सड़क हादसों में घायलों की फ्री मदद जैसे सराहनीय कार्य के लिए जिसे डीजीपी ने सम्मानित किया, उस शख्स ने एसएचओ पर बेवजह पिटाई करने का आरोप लगाया है। जबकि आरोपों पर एसएचओ बलदेव सिंह ने कहा कि उनकी आपस में मारपीट हुई थी, वह पिटाई का झूठा आरोप लगा रहा है। पीड़ित ने अपनी शिकायत एसएसपी विंडो और प्रशासक को भी दी है। पीड़ित ऑटो चालक अनिल ठाकुर ने बताया कि वह परिवार के साथ मौलीजागरां में रहता है। वहीं दो गली छोड़कर उसका ससुराल भी है। दिवाली की रात 10.30 बजे अपने ससुराल में अंदर था। मौलीजागरा थाना प्रभारी बलदेव सिंह सादी वर्दी में कुछ पुलिसकर्मियों के साथ आए और उसकी जमकर पिटाई कर दी। बाद में परिजनों ने उसको मनीमाजरा सिविल अस्पताल में पहुंचाया। पीड़ित अनिल ने बताया कि इससे पहले सेक्टर-22 चौकी इंचार्ज ने भी उसको बेवजह पीटा था। जिसकी अधिकारियों से शिकायत के बाद कार्रवाई हुई थी। आरोप है कि बलदेव उसी बात से खुन्नस में आकर पहले भी उसको धमकी दे चुका है। हालांकि थाना प्रभारी बलदेव ने इन आरोपों को झूठा बताया है।
400 से ज्यादा घायलों को पहुंचा चुका है अस्पताल
चालक अनिल अपने ऑटो से हादसे में घायलों को नि:शुल्क अस्पताल पहुंचाने का काम करता है। अभी तक उन्होंने 400 से ज्यादा सड़क पर पड़े घायलों को अस्पताल पहुंचाया है। उसकी इस सराहनीय कार्य के लिए डीजीपी तेंजिदर सिंह लूथरा ने पांच हजार रुपये व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया था। इसके अलावा अनिल को अन्य स्थानों से भी सम्मान मिल चुका है।
दो पक्षों में मारपीट हुई थी, आरोप झूठा है-
मौलीजागरां थाना प्रभारी बलदेव सिंह ने बताया कि अनिल के पड़ोस में दो पक्षों में मारपीट व पत्थरबाजी हुई थी। जिसमें उसको चोट लगी होगी। हालांकि, पुलिस द्वारा पिटाई करने का आरोप झूठा है।