चंडीगढ़, 17 मई । पलायन कर रहे मजदूरों पर यमुनानगर में लाठीचार्ज करने का मुद्दा सियासी तौर पर गर्माने लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यमुनानगर में प्रवासी मजदूरों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि हालात के मारे गरीब मजदूरों पर लाठी बरसाना अमानवीय है। सरकार को कोशिश करनी चाहिए कि किसी मजदूर को यहां से पलायन न करना पड़े। उनके लिए रहने, खाने-पीने, तुरंत राहत राशि या रोजगार की व्यवस्था की जाए। अगर सरकार ऐसा करने में सक्षम नहीं है या गरीब मज़दूर घर जाना चाहते है तो प्रवासियों के घर जाने का उचित बंदोबस्त किया जाना चाहिए लेकिन, सरकार ऐसा करने में भी सक्षम नजर नहीं आ रही है और मजदूरों को पैदल ही सैंकड़ों किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है। इनके लिए बस या ट्रेन चलाने की बजाए सरकार इनपर लाठियां चला रही है, ये दुर्भाग्यपूर्ण है।
हुड्डा ने एक और गंभीर मुद्दे की तरफ सरकार का ध्यान खींचते हुए आग्रह किया कि गुडग़ांव और दूसरे कई जिलों से ’यादातर कोरोना मरीजों को पीजीआई रोहतक रेफर किया जा रहा है। इससे पीजीआई पर दबाव बढ़ता जा रहा है। दूसरी बीमारियों का इलाज सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है। इसलिए सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना मरीजों को आसपास के ही अस्पतालों में इलाज मिले। इससे संक्रमण का खतरा भी कम होगा और मरीजों को परेशानी भी नहीं होगी। गुडग़ांव में कई बड़े-बड़े सरकारी और प्राइवेट अस्पताल हैं लेकिन, संक्रमित मरीजो को दूसरे जिलो में रेफर किया जा रहा है। जिससे अन्य जिलों में भी लगातार केस बढ़ रहे हैं। मेवात, करनाल और खानपुर समेत प्रदेश में कई मेडिकल कॉलेज हैं। हर जगह कोरोना के इलाज की सुविधाओं को बढ़ाना ज़रूरी है। हालात को देखते हुए लगता है कि कोरोना से लड़ाई अभी लंबी चलेगी। इसलिए सरकार स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं इज़ाफा करे।