चंडीगढ़, 12 मई । पंजाबी गायक रणजीत बावा के हाल ही में यू-ट्यूब में रिलीज हुए गाने 'मेरा की क़सूर' ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। इस पर उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के चलते सोशल मीडिया पर जम कर कमेंट हो रहे है । बीते शनिवार रिलीज हुए इस गाने को लेकर आरोप है कि इसमें कुछ ऐसे बोल हैं जो कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाते हैं। समाज सेवी कलकी ने कहा कि इस आपदा के दौर में रणजीत बावा जैसेगायक ने इस तरह का गलत गाना रिलीज कर पहले से करोना के खतरे से आतंकित समाज की भावनाओं को आहत किया है । गायक रंजीत बावा द्वारा यू ट्यूब व सोशल मीडिया पर धर्म को आहत करने वाले बोल वाले गीत का विरोध उनके गीत "मेरा की कसूर "के बोलों को बदल ,गाकर रंजीत को उसका कसूर बताया समाज सेवी वी पी सिंह कलकी ने । कलकी ने गीत के बोल बदल के गीत गाकर रंजीत बावा को उनका कसूर बताया , उन्होंने तथाकथित सन्तों द्वारा रंजीत बावा के समर्थन करने का भी विरोध किया , कल्कि ने कहा कि इस करोना प्रकोप के दौरान यदि हरमनप्यारे गायक जनता के लिए उत्साहवर्धन करने वाले गीत नहीं ला सकते तो कम से कम उनके विश्वास को आहत न करें।
कलकी द्वारा गीत के बोल इस प्रकार बदले गए हैं
कैसी तेरी मत लोका कैसी तेरी बुद्ध आ।
सारे पशुआ दे विचों माँ गऊ दा मूत शुद्ध आ।
असी बोलना ही सच पावे मच जाना जुद्ध आ।
पथरा दे विच रब सदिया तो सिद्ध आ।
पथरा दे विचों रब जी दे, दोवें हथा नू सी बनिया,इतिहास विचारो पहला,धना भगत नकारो पहला।
तुहानु ऐन्वे ही गरूर है ता मेरा की कसूर आ।,,,
पथरा,जनेऊ लई गुरु शीश दे गए।
दिल्ली चाँदनी चौक़ सिंदूर खूनी दे गए।
असी बोलना है सच तुहानु मच जानी आग आ।
सिख हिन्दू नू लड़ाके तूसी कोमा रहे ठग आ।
करमाता नू न मनिया, इतिहास नू पण्डेय, अमृतसरोवर पापी जीभ नाल निन्दिया।
तुहानु गन्द दा सरूर आ ता मेरा की कसूर आ,,,,
रफला स्टेजा नाल दीवान वी सज़ा लए।
सोच बड़ी माड़ी ऊँचे बाणे अपना लए।
कलकी दे नाल गल कर ज़रा बेकसूर आ।
तुहानु फुट मंजूर आ ता मेरा की कसूर आ।,,,,,,