चंडीगढ़, 08 मई। लॉकडाउन में हरियाणा पुलिस का महिला विंग इन दिनों शादी-विवाह तथा घरेलू हिंसा के झगड़े सुलझाने के साथ-साथ एक नए रूप में दिखाई दे रहा है। यह है कि बतौर महिला एक अन्नपूर्णा का रूप। बच्चों में इन महिलाओं की पहचान खाने वाली मैडम के रूप में हो गई है। पुलिस मुख्यालय पंचकूला में चल रहा महिला पुलिस थाना पिछले करीब एक माह से रोजाना सैकड़ों लोगों के लिए न केवल कम्यूनिटी किचन चला रहा है बल्कि गश्त पर निकलते समय इस थाने की कर्मचारी अपने साथ खाने के पैकेट लेकर जाना नहीं भूलती। रास्ते में जहां भी कोई जरूरतमंद दिखता है तो उसे खाना देना अपना कर्तव्य समझती हैं। बच्चे व महिलाओं की मित्र बनी खाने वाली मैडम
महिला पुलिस थाना पंचकूला की एसएचओ नेहा चौहान के नेतृत्व में पुलिस कर्मी खुद तीन सौ लोगों का खाना बना कर उन्हें खिला रहे हैं। यह क्रम लॉकडाउन के पहले दिन से शुरू हुआ था, जो अभी तक चल रहा है। नेहा चौहान ने बताया कि इसका खर्च वह स्वयं ही वहन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी मिलजुल कर खाना तैयार करते हैं। इसके बाद उसे भूखे लोगों में बांटा जाता है। ड्यूटी के साथ-साथ खाना तैयार करना और बांटना हालांकि थोड़ा मुश्किल काम है। क्योंकि इस वक्त ऐसा माहौल बना हुआ कि एक दम से पुलिस को किसी न किसी तरह की इमरजेंसी पड़ी ही रहती है। ऐसे में यह थोड़ा मुश्किल काम था, फिर भी क्योंकि ठान लिया था, इसलिए करते आ रहे हैं।
नेहा चौहान ने बताया कि लॉकडाउन के पहले दिन उन्होंने कुछ भूखे लोगों को देखा। तब आसपास ऐसा कुछ नहीं था कि वह उन्हें वहां से भोजन करा सके। इसके बाद उन्होंने अपने स्टाफ के साथ विचार-विमर्श किया। इसके बाद सभी ने खुद खाना तैयार करने का फैसला लिया और अगले ही दिन शुरू हो गई कम्यूनिटी किचन। इसके बाद तो यह सिलसिला शुरू हो गया जो आजतक जारी है।
नेहा चौहान के अनुसार महिला थाने की कई कर्मचारी आसपास के क्षेत्रों में भी डयूटी देने के लिए जाती हैं। ऐसे में वह अपने साथ खाने के पैकेट साथ लेकर जाती हैं। उन्होंने बताया कि खाना देते समय उनका मुख्य लक्ष्य छोटे बच्चे, महिलाएं तथा वह लोग होते हैं जहां कोई भी संगठन नहीं जा रहा है। आमतौर पर बच्चे जहां पुलिस को देखकर दूर भागते हैं वहीं हरियाणा पुलिस की इन महिला कर्मचारियों ने बच्चों के साथ इस तरह से दोस्ताना व्यवहार कर लिया कि उन्हें देख कर वह एक दम से लाइन में बैठ जाते हैं।