नई दिल्ली। पश्चिमी रेलवे (डब्ल्यूआर) की लॉस्ट एंड फाउंड वेबसाइट ऑनलाइन हो गई है। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि ट्रेनों और रेलवे परिसरों में मिलने वाले सामान, पर्स, हैंडबैग, डिब्बे और अन्य सामान अब फोटोज के साथ पश्चिम रेलवे के पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। ताकि यात्रियों के लिए उन्हें पहचानना और हासिल करना आसान हो जाए।पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी है।
इस वेबसाइट पर करें चेक
पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता ने कहा, 'भारतीय रेलवे में पहली बार रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) पश्चिम रेलवे की वेबसाइट पर खोए/छोड़े गए सामान की डिटेल अपलोड की गई है, जो पश्चिम रेलवे के होम पेज पर उपलब्ध है। हमने इसे 'ऑपरेशन अमानत' नाम दिया है और इसके तहत खोए हुए सामान की वापसी सुनिश्चित की गई है।
'असली मालिकों को वापस मिलें सामान'
ऑपरेशन अमानत के माध्यम से, आरपीएफ सक्रिय रूप से ऐसे खोए हुए सामान का पता लगाता है और यह सुनिश्चित करता है कि अवे अपने असली मालिकों को वापस मिल जाएं।'
क्या है ऑपरेशन अमानत?
रेलवे के प्रवक्ता ने कहा, 'ऑपरेशन 'अमानत' के तहत आरपीएफ ने अपने कर्तव्य से आगे बढ़कर जरूरतमंद यात्रियों की मदद की है और उनके खोए या छूटे सामान मोबाइल फोन, लैपटॉप, आभूषण, नकदी आदि जैसी कीमती वस्तुओं को बरामद कर यात्रियों को लौटाया है। अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के दौरान 9.4 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 4700 सामान यात्रियों को लौटाए गए हैं।
यात्रियों को मिला फायदा
खोए हुए बैग को वापस पाने के सबसे बड़े मामलों में से एक, जो 16 फरवरी, 2025 को हुआ था, सब-इंस्पेक्टर योगेश कुमार जानी ने कांस्टेबल हनुमान प्रसाद चौधरी के साथ ट्रेन नंबर 12479 सूर्यनगरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस में कोच बी4 की सीट नंबर 15 के नीचे एक मेहंदी रंग का बैग पाया, जब वे बांद्रा टर्मिनस के प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर चेकिंग कर रहे थे। बैग को आरपीएफ पोस्ट लाया गया। बैग की जांच-पड़ताल करने पर, उसमें एक मोबाइल फोन, कपड़े और कीमती आभूषणों से भरा एक पॉलीथीन बैग मिला।
जानें यात्रियों का अनुभव
उसी दिन, एक व्यक्ति अपने खोए हुए बैग की तलाश में बांद्रा स्टेशन पर रेलवे कार्यालय पहुंचा। उसने बताया कि वह अपने दो छोटे बच्चों और अन्य सामान के साथ ट्रेन से जोधपुर से बांद्रा टर्मिनस आया था।
उसने कहा कि उसने अपना एक बैग कोच बी4 (सीट नंबर 15, 24) में छोड़ दिया था। फिर उसने 139 पर कॉल किया। यात्री ने अपना बैग पहचाना, जिसे उसके सामने खोला गया और चेक किया गया। बरामद सामान की कुल कीमत 15,83,000 रुपये थी। बैग और सभी सामान सुरक्षित रूप से उसे सौंप दिया गया। यात्री ने आरपीएफ बांद्रा टर्मिनस और हेल्पलाइन के काम की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया।