शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए जनता से सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार, निजी शिक्षण संस्थानों और आम लोगों के सहयोग से प्रदेश में शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने यह बात राज्य सरकार के 'मेरे शहर के 100 रतन' छात्रवृत्ति कार्यक्रम के लॉन्चिंग कार्यक्रम में कही। इस योजना के तहत प्रदेशभर के 6800 छात्रों को पूरी तरह मुफ्त छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि शिक्षा को मजबूत करने से ही आने वाली पीढ़ी आत्मनिर्भर बन सकेगी।
तकनीकी विकास के साथ बदलनी होगी शिक्षा व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी प्रगति की है, लेकिन हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना अभी भी एक चुनौती है। उन्होंने बताया कि बदलती तकनीक और कुशल पेशेवरों की बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाना जरूरी है। इसके लिए पाठ्यक्रम में बदलाव, डिजिटल लर्निंग टूल्स और कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत है, ताकि छात्र भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार हो सकें।
जनता को भी निभानी होगी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से भी शिक्षा सुधार में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोग राष्ट्रीय स्तर के कोचिंग सेंटर खोलकर, छात्रवृत्ति परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित कर, सरकारी स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाकर और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देकर शिक्षा क्षेत्र में अहम योगदान दे सकते हैं। उनका मानना है कि अगर हर व्यक्ति अपनी ओर से थोड़ी-सी जिम्मेदारी ले, तो हिमाचल प्रदेश को शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण का प्रमुख केंद्र बनाया जा सकता है।