मुंबई ,5 नवंबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) : प्रतिमा लिंगयुआन पर्वत पर मौजूद है जिसमें बुद्ध ध्यानमुद्रा में बैठे हुए हैं. इस जगह के बारे में कहा जाता है इस मूर्ति का निर्माण 'तंग' वंश के दौरान 713 ई.सी में शुरू हुआ था.
दुनिया में कई तरह की धारणा सदियों से चलती आ रही है. जिनके पीछे कोई वैज्ञानिक तर्क न होने पर भी लोग पीढ़ियों तक इसे मानते आ रहे हैं. जैसे हमारे यहां कहा जाता है कि सुबह-सुबह अपने किसी प्रियजन का चेहरा देखना चाहिए, जिससे कि हमारा पूरा दिन अच्छा गुजर सके. इसी तरह चीन के लेशान में स्थित महात्मा बुद्ध की विशाल प्रतिमा को देखकर, लोग अपने नए साल की शुरूआत करते हैं.
इनकी मान्यता है कि नए साल की शुरूआत में अपने मार्गदर्शक गौतम बुद्ध की इस प्रतिमा को एक बार देखने भर से ही किसी भी व्यक्ति की सोई किस्मत चमक सकती है. ‘लेशान बुद्ध’ के नाम से प्रसिद्ध 230 फीट लम्बी इस पत्थर की प्रतिमा को, यूनेस्को द्वारा सबसे ऊंची नक्काशीदार पत्थर से बनी हुई मूर्ति घोषित किया गया है.
यहां नए साल के दिन पहले ही दिन यहां पर दुनिया भर से लाखों श्रद्धालुगण दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. इस दिन यहां इतनी भीड़ होती है कि लोगों को मुश्किल से पैर रखने की जगह भी नहीं मिलती.
लेकिन फिर भी बुद्ध को एक नजर देखने के लिए, सभी लोगों में खास उत्साह साफ झलक रहा था. ये प्रतिमा लिंगयुआन पर्वत पर मौजूद है जिसमें बुद्ध ध्यानमुद्रा में बैठे हुए हैं. इस जगह के बारे में कहा जाता है इस मूर्ति का निर्माण 'तंग' वंश के दौरान 713 ई.सी में शुरू हुआ था.
जिसे बनने में करीब 90 साल लगे. 230 फीट लम्बी इस बुद्ध की मूर्ति की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बुद्ध के पैर का अंगूठा सामान्य डाइनिंग रूम में रखी जाने वाली, टेबल जितना बड़ा है.