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Religion

कोरोना काल में कैसे करें साधारण विधि से अपने घर में ही श्राद्ध बदलें दान का स्वरुप

August 29, 2020 03:49 PM

यह पहली बार ही ऐसा होगा कि पितृ पक्ष में, इन दिनों तर्पण कराने के लिए कर्मकांडी उपलब्ध न हों, भोजन ग्रहण करने के लिए के लिए बहुत कम ब्राहम्ण हामी भरें और श्राद्ध कर्म में अपने नजदीकी संबंधी तक सम्मिलित न हों। हिंदू धर्म सदा से ही समय स्थान व स्थिति अनुसार ढाल लेता है इसी लिए सनातन कहलाता है।

यह श्राद्ध किसी सार्वजनिक प्रदर्शन की बजाय व्यक्तिगत या पारिवारिक दृष्टि से उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का पखवाड़ा है। आप इस श्राद्ध कर्म को अत्यंत सादगी से अपने घर में स्वयं भी कर सकते हैं।

सूर्योदय से लेकर 12:24 के मध्य श्राद्ध करें

आप स्वयं भी कर सकते हैं।घर में किए गए श्राद्ध का पुण्य तीर्थ-स्थल पर किए गए श्राद्ध से आठ गुना अधिक मिलता है।

जिस तिथि को किसी पूर्वज का निधन हुआ हो पितृ पक्ष में उसी तिथि को सूर्योदय से लेकर 12:24 के मध्य श्राद्ध करें। इससे पूर्व किसी सुयोग्य कर्मकांडी से तर्पण करा लिया जाए। सात्वित्क भोजन ही स्वयंकिया जाए। यदि किसी कारण ब्राहम्ण या कर्मकांडी उपलब्ध न हों तो आप स्वयं किसी नदी या तीर्थ स्थल या उचित स्थान घर पर भगवान सूर्य को ही पंडित मानकर  पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान करें ।

 -मदन गुप्ता सपाटू,ज्योतिर्विद्-

 
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