हरियाली तीज 2020
23 जुलाई
तृतीया तिथि - गुरुवार, 23 जुलाई 2020
तृतीया तिथि प्रारंभ - 19:21 बजे (22 जुलाई 2020 ) से
तृतीया तिथि समाप्त - 17:02 बजे (23 जुलाई 2020 ) तक
हाथों में मेहंदी
तीज में मेहंदी लगाने से संबंधित कथा का पुराणों में वर्णन मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव ने देवी पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था। इसलिए इस दिन महिलाएं व्रत करके मां पार्वती और भोलेनाथ से अटल सुहाग की कामना करती हैं। दरअसल, मां पार्वती ने भगवान शिव को मनाने के लिए अपने हाथों में मेंहदी रचाई थी। फिर क्या था मां पार्वती की हथेली में रची मेहंदी को देखकर भगवान शिव बेहद प्रसन्न हुए और उन्हें स्वीकार कर लिया।
मेहंदी के औषधीय गुण भी हैं
मेहंदी केवल हाथों को सजाने के लिए नहीं होती है। बल्कि इसमें औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। कहा जाता है कि मेहंदी को सिर, पंजो, हथेली और तलवों में लगाने से शीतलता महसूस होती है। इससे महिलाएं शांत रहती हैं। उनका चिड़चिड़ापन दूर होता है और परिवार में प्रेम-सौहार्द बढ़ता है। जोड़ों के दर्द में भी मेहंदी से आराम मिलता है। आध्यात्मिक मान्यता है कि मेहंदी लगाने से बुध और शुक्र ग्रह भी बलवान होता है। इससे मन शांत रहता है, दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता और बुद्धि और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
हरियाली तीज की पूजा विधि
महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं. मान्यता के अनुसार यह त्योहार तीन दिन का होता है, लेकिन आजकल इसे एक ही दिन मनाया जाने लगा है. इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. इस मौके पर विवाहित महिलाएं नए वस्त्र पहनती हैं और हाथों में मेहंदी और पैरों में अल्ता लगाती हैं. इस मौके पर मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है.
शिव पुराण के अनुसार हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था इसलिए सुहागन स्त्रियों के लिए इस व्रत की बड़ी महिमा है। इस दिन महिलाएं महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। हरियाली तीज की पूजा विधि इस प्रकार है..
- इस दिन साफ-सफाई कर घर को तोरण-मंडप से सजायें। एक चौकी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग,भगवान गणेश, माता पार्वती और उनकी सखियों की प्रतिमा बनायें।
2. मिट्टी की प्रतिमा बनाने के बाद देवताओं का आह्वान करते हुए षोडशोपचार पूजन करें।
3. हरियाली तीज व्रत का पूजन रातभर चलता है। इस दौरान महिलाएं जागरण और कीर्तन भी करती हैं।
हरियाली तीज पर तीन बातों को त्यागने की परंपरा
हरियाली तीज पर हर महिला को तीन बुराइयों को छोड़ने का संकल्प लेना चाहिए। ये तीन बातें इस प्रकार है...
- पति से छल-कपट
2. झूठ व दुर्व्यवहार करना
3. परनिंदा (दूसरो की बुराई करने से बचना)
मदन गुप्ता सपाटू ,ज्योतिर्विद्, सैक्टर 10, पंचकूला