-जन्माष्टमी की तैयारियों में जुटे हैं बड़े व बच्चे
-जन्माष्टमी पर कार्यक्रम पेश करने को लालायित हैं बच्चे
संजय कुमार मेहरा
भिवानी। एक दिन बाद जन्माष्टमी पर्व है। श्रीकृष्ण जन्म के नाम पर मनाई जाने वाली जन्माष्टमी को लेकर शहर में खूब रौनक है। बाजारों में जहां देखो, वहीं राधा-कृष्ण की डे्रस व अन्य सजावट का सामान दिखाई दे रहा है। अपने बच्चों को कार्यक्रमों के लिए भी व शौक के लिए भी राधा-कृष्ण बनाने वाले पेरैंट्स महंगी और डिजायनर डे्रस खरीद रहे हैं, ताकि उनके बच्चे सबसे अलग नजर आएं।
बेटे-बेटियों में कोई भेद न मानकर परिजन उन्हें राधा-कृष्ण की भूमिका में तैयार करके घरों में रिहर्सल कर रहे हैं। अवनी बेशक बेटी है, लेकिन वह श्रीकृष्ण की भूमिका निभा रही है। फुल डे्रस रिहर्सल करते हुए राधा बनी लड़की के साथ बांसुरी लेकर विभिन्न मुद्राएं बनाने की रिहर्सल की जा रही है। कोरोना महामारी को देखते हुए भी इस मंदिरों में पूरी ऐहतियात बरती जा रही है। मंदिरों में प्रवेश के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होने के साथ हाथों को सेनिटाइज करना होगा। हर उम्र के लोगों के लिए यह नियम जरूरी हैं। बहुत सी जगहों पर कृष्णाष्टमी डिजिटल होगी तो बहुत सी जगहों पर फिजिकली।
बात करें शहर के मंदिरों की तो यहां जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिरों में सजावट की जा रही है। जन्माष्टमी के दिन राधा-कृष्ण को पहनाई जाने वाली डे्रेसेज भी नई खरीदी गई हैं। जन्माष्टमी का पर्व मथुरा, वृंदावन में जितनी धूमधाम से मनाया जाता है, उतनी धूमधाम के देश के अन्य शहरों में मनाया जाता है। कहीं कृष्ण-राधा की नृत्य लीलाएं देखने को मिलती है तो कहीं कृष्ण द्वारा मटकी फोडऩे की लीला नजर आती है। कहीं बाल रूप में श्रीकृष्ण मक्खन खाते दिखाते हैं तो कहीं श्रीकृष्ण अपनी उंगली पर पर्वत उठाए खड़े रहते हैं। यह सब मनमोहक दृश्य इस बार भी शहर में जन्माष्टमी की झांकियों में नजर आएगा।