चंडीगढ़, 18 जून। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने ‘जल जीवन मिशन’के तहत सभी ग्रामीण परिवारों को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए तेजी से किए जा रहे प्रयासों के लिए हरियाणा सरकार की सराहना की। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा के लिए 1119.95 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि 'जल जीवन मिशन' के सफल क्रियान्वयन में हरियाणा देश के प्रथम तीन राज्यों में शामिल है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह जानकारी शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ उनके निवास पर हुई बैठक के उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए दी। बैठक में केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया भी मौजूद रहे।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मिले मुख्यमंत्री मनोहर लाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में हरियाणा राज्य के जल संबंधी विभिन्न विषयों के संदर्भ में विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं व योजनाओं के क्रियान्वयन पर गहन विचार विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर के निर्माण के संदर्भ में पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा की जाने वाली बैठक अभी तक नहीं हुई है। इस दिशा में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा जाएगा।
मनोहर लाल ने कहा कि सेंट्रल सॉयल रिसर्च स्टेशन की रिपोर्ट आने के उपरांत केंद्रीय जल आयोग द्वारा 15 दिनों की समयावधि में सरस्वती नदी पर बनने वाले आदिबद्री बांध व सोमवती बैराज का डिजाइन तैयार किया जाएगा। केंद्र ने राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के अंतर्गत सरस्वती के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए जाने का आश्वासन दिया है।
उन्होंने कहा कि महाग्राम योजना के अंतर्गत आने वाले 130 गांवों में 55 लीटर की अपेक्षा 130 लीटर दर से पेयजल उपलब्ध करवाने तथा सीवरेज सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में राज्य के प्रत्येक महाग्राम के लिए 25 करोड़ रुपये की दर से कुल 3250 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव केंद्र को दिया है। उन्होंने कहा कि ‘नल से जल' योजना के अंतर्गत हरियाणा के 8 जिलों को पूर्ण रूप से कवर किया जा चुका है और शीघ्र ही सभी जिलों को कवर करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य होगा।
उन्होंने कहा कि 'अटल भूजल योजना' के अंतर्गत हरियाणा के 1669 गांवों में भूजल का स्तर दर्ज करने की दिशा में पीजोमीटर लगाए जाएंगे और जल के पूर्ण सदुपयोग की योजनाएं तैयार की जाएंगी।