चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा बहुत जल्द पेपरलैस होगी। अब यहां सारा काम डिजीटल तकनीक पर होगा। जिसके चलते गुरुवार को भारत सरकार के संसदीय मामलों बारे मंत्रालय, हरियाणा विधानसभा सचिवालय तथा हरियाणा सरकार के बीच एक एमओयू हुआ।
विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने इस बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि विधानसभा को पेपरलैस बनाने के लिए प्रक्रिया चल रही है। जिसे अब धरातल पर लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तीन संस्थानों के बीच एमओयू होने के बाद हरियाणा विधानसभा को पेपरलैस बनाने में 60 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार तथा चालीस प्रतिशत खर्च हरियाणा सरकार द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि देश में अभी तक केवल हिमाचल विधानसभा ही पेपरलैस हुई है। हरियाणा समेत 16 अन्य राज्य इस कतार में हैं। अब हरियाणा द्वारा इसी साल सारी प्रक्रिया को अमली रूप देने की तैयारी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने देशभर की सभी विधानसभा, लोकसभा तथा राज्यसभा को आपस में जोडऩे के लिए ई-विधान कार्यक्रम की शुरूआत की है। जिसके तहत हरियाणा में भी नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एमओयू के तहत नेवा द्वारा चंडीगढ़ विधानसभा में एक कार्यालय खोला जाएगा। जहां तीन साल तक हरियाणा के सभी विधायकों तथा विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों व अधिकारियों को पेपरलैस तकनीक पर काम करने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।