चंडीगढ़। कोरोना काल में सड़क हादसों का ग्राफ तेजी से गिरा है। चौक-चौराहों और सड़कों पर जगह-जगह खड़े पुलिस कर्मचारियों और वाहनों की आवाजाही कम होने से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आई, बल्कि मौतों और घायलों की संख्या में भी खासी गिरावट आई है।
पिछले साल जून में 890 सड़क हादसे हुए थे जो इस बार 17.64 फीसद की गिरावट के साथ 733 रह गए।
इसी तरह रोजाना हादसों में मौतों की संख्या 30 से घटकर 24 रह गई। मृत्युदर में 20 फीसद और घायलों की संख्या में 15.30 फीसद कमी आई है। पिछले साल जून में 429 लोगों की मौत हुई थी, जबकि इस बार 343 लोग हादसों का शिकार हुए जो पिछले बार से 86 कम हैं।
जून में 745 घायलों की तुलना में इस बार 631 लोग जख्मी हुए जो पिछले साल से 114 कम हैं। अगर छह महीनों की बात करें तो जनवरी से जून तक सड़क दुर्घटनाओं में 26.71 फीसद, मृत्युदर में 26.77 फीसद और घायलों में 26.88 फीसद की गिरावट दर्ज की गई।
इससे उत्साहित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने कहा कि निश्चित रूप से 24 मार्च से 31 मई तक लॉकडाउन ने सड़क हादसों पर ब्रेक लगाने में अहम भूमिका निभाई है। परंतु जून के साथ-साथ प्रथम छमाही के तुलनात्मक आंकड़ों से साफ होता है कि हम सड़क सुरक्षा के मामले में एक सुरक्षित लेन में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।
विर्क ने कहा कि हादसों में लगातार आ रही गिरावट पुलिस द्वारा की जा रही उचित मॉनिटरिंग, सड़क सुरक्षा कानून का सही क्रियान्वयन व हमारी फील्ड इकाइयों द्वारा क्विक रिस्पांस के कारण संभव हो पाया है। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों के परामर्श से तकनीक आधारित नवाचारों व उन्नत सुरक्षा उपायों के साथ भविष्य में सड़क हादसों को न्यूनतम स्तर पर लाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्ती की जा रही है, जो दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बनते हैं। लोग जितना अधिक यातायात नियमों का पालन करेंगे, हादसों में उतनी ही कमी आएगी।