चंडीगढ़। हरियाणा में वायु एवं जल प्रदूषण रोकने के लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब सभी औद्योगिक इकाइयों की ऑनलाइन निगरानी करेगा। यमुना और घग्गर नदी के प्रवाह क्षेत्र और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के रेड जोन में स्थित 17 श्रेणियों के उद्योगों को ऑनलाइन कंटीन्यूअस एफ्लुएंट और एमिशन मॉनिटरिंग डिवाइसेस लगानी होंगी। इसकी मदद से एचएसपीसीबी को नियमित अंतराल में पता चलता रहेगा कि कौन सी औद्योगिक इकाई प्रदूषण फैला रही है और कौन सी नहीं।
अब ऑनलाइन होगी निगरानी
एनसीआर में रेड जोन के उद्योगों व नदियों के प्रदूषण पर रहेगी नजर
पहले चरण में प्रदेश की 864 इकाइयों को यह डिवाइस लगाने के लिए चिह्नित किया गया है। इनमें से 827 इकाइयों में यह डिवाइस लगाई जा चुकीं और बाकियों को नोटिस थमाए गए हैं। इसके बाद इन कंपनियों के मालिकों ने भी डिवाइस लगाने पर काम शुरू कर दिया है। एचएसपीसीबी ने हेड क्वार्टर से डेटा प्राप्त करने और इसे केंद्रीय रूप से मॉनिटर करने के लिए अलग से सॉफ्टवेयर तैयार किया है।
केंद्रीकृत सॉफ्टवेयर के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों की निगरानी के लिए हेड क्वार्टर में स्पेशल सेल बनाई गई है। यह टीम सभी खामियों पर न केवल नजर रखेगी, बल्कि कानून के उल्लंघन पर कार्रवाई भी करेगी। साथ ही मुख्यालय और औद्योगिक इकाइयों के बीच समन्वय भी स्थापित करेगी जिससे कि प्रदूषण को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सके।
एचएसपीसीबी के सदस्य सचिव एस नारायणन ने बताया कि नए सिस्टम से प्रदूषण नियंत्रित करने में काफी हद तक मदद मिलेगी। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स (सीईटीपी), कॉमन बायो मेडिकल ट्रीटमेंट फैसिलिटीज (सीबीडब्ल्यूटीएफ) को इसके दायरे में रखा गया है। स्पेशल सेल द्वारा नियमों की अनदेखी के मामलों में मुख्यालय और संबंधित इकाइयों को इलेक्ट्रॉनिक मैसेज भी भेजे जाएंगे। एस नारायणन ने दावा किया कि मानवीय हस्तक्षेप घटने से प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को और बेहतर तरीके से लागू किया जा सकेगा।