चंडीगढ़। पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में चल रही कलह जहां चरम पर पहुंच गई है वहीं कई दिनों से अलग-थलग पड़े मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को हाईकमान कमेटी के सामने पेश होने से पहले आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया। आप को अलविदा करके कांग्रेस में शामिल होने वालों में पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा भी शामिल हैं।
पंजाब कांग्रेस में करीब तीन दर्जन विधायक व मंत्री पिछले कई दिनों से कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। हाईकमान द्वारा पंजाब का विवाद सुलझाने के लिए राज्यसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े की अगुवाई में एक कमेटी बनाई है। पिछले चार दिनों से पंजाब के विधायक, सांसद और मंत्री इस कमेटी के समक्ष पेश होकर अपना-अपना पक्ष रख रहे हैं।
बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस कमेटी के समक्ष पेश हुए। दिल्ली रवाना होने से पहले अमरिंदर ने पार्टी हाईकमान तथा उनके खिलाफ मोर्चा खोलने वाले मंत्रियों विधायकों को कड़ा संदेश देते हुए मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी को झटका दे दिया। अमरिंदर ने अपनी पत्नी एवं पटियाला की सांसद महारानी परनीत कौर की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी के तीन बागी विधायक सुखपाल खैहरा, पिरमल सिंह और जगदेव सिंह को पार्टी में शामिल करवाया। सुखपाल सिंह खैहरा पंजाब के भुलथ विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और पंजाब में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। जगदेव सिंह कमालू मोड़ मंडी तो पिरमल सिंह धौला भदौड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं।
सुखपाल खैहरा पहले भी कांग्रेस के एमएलए रह चुके हैं, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह से सुर न मिलने के कारण उन्होंने 2017 में पार्टी को अलविदा कहकर आम आदमी पार्टी का झाड़ू थाम लिया और भुलत्थ से चुनाव जीतकर उस समय विपक्ष के नेता बन गए। आप सुप्रीमो अरविंदर केजरीवाल की ओर से पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया से माफी मांगने के चलते खैहरा नाराज हो गए। उनके साथ लगभग आठ विधायक भी बागी हो गए और अलग ग्रुप बना लिया। बाद में उन्होंने खुद की पार्टी भी बनाई और बठिंडा से 2019 का चुनाव भी लड़ा लेकिन बात नहीं बनी।
खपाल खैहरा के दो अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल होने के पीछे प्रियंका गांधी की योजना है। किसान आंदोलन में मारे गए युवा किसान नवरीत सिंह डिबडिबा के भोग अवसर पर रूद्रपुर में सुखपाल खैहरा प्रियंका गांधी से मिले थे। आम आदमी पार्टी को पूरी तरह से छोडऩे के बाद तीनों विधायक कैप्टन के साथ दिल्ली चले गए।