चंडीगढ़। देशभर के कई राज्यों में बिजली आपूर्ति एवं हाई पावर लाइनों के रख-रखाव की जिम्मेदारी संभाल रहे भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने अब लालडू,डेराबस्सी व जीरकपुर के करीब डेढ दर्जन गावों के हजारों लोगों को चेताया है। क्योंकि 66 केवी धूलकोट-चंडीगढ़ डबल लाइन के रख-रखाव की जिम्मेदारी भी अब बीबीएमबी के पास आ गई है। ऐसे में इस लाइन के साथ लगते आवासीय क्षेत्रों तथा ग्रामीणों के लिए किसी प्रकार का निर्माण आदि पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
66 केवी लाइन के नीचे व आसपास निर्माण, पतंगबाजी, वृक्षारोपण पर रोक
बीबीएमबी के अंतर्गत आने वाली 66 केवी धूलकोट-चंडीगढ़ डबल लाइन अंबाला से लेकर चंडीगढ़ तक कुल 21 स्थानों से गुजरती है। इनमें 17 स्थान डेराबस्सी, जीरकपुर व लालडू क्षेत्र के अंतर्गत चिन्हित किए गए हैं। बीबीएमबी ने लालडू क्षेत्र के गांव कुरली, सतारपुर, धर्मगढ़, लालडू,आलमगीर, तोगापुर, घोलूमाजरा, डेराबस्सी से सटे गांव जवाहरपुर, हरीपुर कुडां, डेराबस्सी शहर, मीरपुर, मुबारकपुर, भंखरपुर, जीरकपुर के गांव नगला, बिशनपुरा, जीरकपुर, बलटाना के लोगों को चेताया है कि उक्त लाइन इन क्षेत्रों से होकर निकल रही है।
जिसके चलते बीबीएमबी ने सख्त कानूनों का हवाला देते हुए विद्युत नियम 1956 के नियम संख्या 77,79,80 एवं 82 के तहत उपरोक्त लाईनों के नीचे और निकट मकानो निर्माण को पूरी तरह से बैन कर दिया है। इस तार को केंद्र मानकर आठ मीटर के दायरे में कृषि कार्य, वृक्षारोपण यहां तक की पतंगबाजी पर भी रोक लगा दी गई है। बीबीएमबी के निर्देशानुसार हाई वोल्टेज लाइन की मरम्मत और रख रखाव के समय स्थानीय लोगों के कारण कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। बीबीएमबी ने कहा है कि अगर कोई भी व्यक्ति उपरोक्त नियमों की अवहेलना करता है उसके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।