चंडीगढ़ | हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी को लेकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव व सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री नायब सैनी पर जोरदार हमला बोला। सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने कमरतोड़ बिजली दर बढ़ोत्तरी कर हरियाणवियों की जेब पर ₹5000 करोड़ सालाना वसूली का डाका डाला है। लगता है कि नायब सैनी सरकार जनता की जेब से पैसा गायब करने की एक्सपर्ट बन गई है।
बोले: घर-खेती बाड़ी-दुकानदार लकड़ी आरे-आटा चक्की-कमर्शियल पोल्ट्री-मछली पालन-दूध प्लांट-कोल्ड स्टोरेज-पॉली हाउस सब पर बिजली दर वृद्धि की चोट !"
उन्होंने कहा कि पहले तो 16 जनवरी, 2025 से फ्यूल सरचार्ज के नाम पर हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं से 47 पैसा प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी कर डाली, और अब 01 अप्रैल, 2025 से अनाप-शनाप बिजली दरें बढ़ाकर जनता से भाजपा को वोट देने की एवज में बदला लिया जा रहा है।
रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा में 01 अप्रैल से बढ़ाई गई बिजली दरों की "वसूली के रैकेट" का परिणाम दिखाते हुए कहा कि-
- सिर्फ एक पंखा और दो लाईटों वाले घरों की पीड़ा बढ़ी दरें इस प्रकार हैं:- 2 किलोवाट बिजली लोड 0 यूनिट 50 यूनिट तक व 50 यूनिट 100 यूनिट तक की बिजली यूनिट पर 20 पैसा प्रति यूनिट की वृद्धि की है।
- दो एयरकंडीशन-लाईट-पंखे वाले घर की पीड़ा देखिए कि 5 किलोवाट बिजली लोड की 0 यूनिट से 150 यूनिट तक बिजली दरें पर 20 पैसा प्रति यूनिट की वृद्धि की गई, 301 यूनिट से 500 यूनिट तक बिजली दरों पर 15 पैसा प्रति यूनिट की वृद्धि + ₹50 पैसा प्रति किलोवॉट यानी बिल के अतिरिक्त ₹250 प्रति महीना किया गया और 500 यूनिट से अधिक की खपत पर बिजली दरें ₹7.10 प्रति यूनिट ही रहेंगी, पर ₹50 पैसा प्रति किलोवॉट यानी बिल के अतिरिक्त ₹250 से अधिक प्रति महीना कर दिया गया।
- 3 एसी, लाईटों व पंखों वाले घर की पीड़ा देखिए कि 5 किलोवाट के बिजली लोड से अधिक 0 यूनिट से 500 यूनिट तक बिजली खपत पर सीधे ₹6.50 प्रति यूनिट का बिजली बिल + ₹75 प्रति किलोवॉट, प्रति महीना का 'फिक्स्ड चार्ज', यानी 6 किलोवॉट पर ₹450 प्रति महीना की दर से बढ़ोत्तरी की गई व 501 यूनिट से 1000 यूनिट बिजली खपत पर नई बिजली दरें होंगी ₹7.15 प्रति यूनिट + ₹75 प्रति किलोवॉट, प्रति महीना का 'फिक्स्ड चार्ज', यानी 6 किलोवॉट पर ₹450 प्रति महीना की दर से बढ़ोत्तरी की गई है और 1000 यूनिट से अधिक बिजली खपत पर नई बिजली दरें होंगी ₹7.50 प्रति यूनिट + ₹75 प्रति किलोवॉट, प्रति महीना का 'फिक्स्ड चार्ज', यानी 6 किलोवॉट पर ₹450 प्रति महीना की दर से बढ़ोत्तरी की गई है।
- LT बिजली सप्लाई यानी आटा चक्की, लकड़ी आरे, बर्फ कारखाने आदि की पीड़ा देखिए कि 0 से 10 किलोवॉट के बिजली लोड पर ₹6.35 प्रति यूनिट से बढ़कर ₹6.45 प्रति यूनिट बिजली दर में 10 पैसा प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी + ₹100 प्रति किलोवॉट, प्रति महीना का 'फिक्स्ड चार्ज', यानी 10 किलोवॉट पर ₹1000 प्रति महीने का फिक्स्ड चार्ज किया गया। 10 किलोवॉट से 20 किलोवॉट के बिजली लोड पर ₹6.65 प्रति यूनिट से बढ़कर ₹6.80 प्रति यूनिट, यानी प्रति यूनिट बिजली दर में 15 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी + ₹100 प्रति किलोवॉट, प्रति महीना का 'फिक्स्ड चार्ज', यानी 20 किलोवॉट पर ₹2000 प्रति महीने का फिक्स्ड चार्ज किया गया है।
- पोल्ट्री फार्म-सुअर पालन दूध प्लांट-मछली पालन-मधुमक्खी पालन-पॉली हाउस मशरूम फार्म-कोल्ड स्टोरेज इत्यादि की पीड़ा देखिए कि 20 किलोवॉट बिजली लोड तक ₹4.75 प्रति यूनिट की बिजली दर की बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही 20 किलोवॉट बिजली लोड से अधिक पर ₹6.50 प्रति यूनिट की बिजली दर बढ़ाई गई। मछली पालन हो, पोल्ट्री हो, मधुमक्खी पालन हो, सुअर पालन हो, मशरूम की खेती हो, दूध प्लांट हो, यह सब खेतीबाड़ी का ही अंग है। इसके बावजूद इन पर ₹6.50 प्रति यूनिट से बिजली की खपत का बिल लिया जा रहा है।
- खेती के ट्यूबवेल पर भी पड़ी भाजपाई मार देखिए कि ट्यूबवेल बिजली सप्लाई में 0 से 15bhp की मोटर हो या फिर 15bhp से ज्यादा की, बिजली दरें बढ़ाकर ₹6.48 प्रति यूनिट से ₹7.35 प्रति यूनिट कर दी गई है। सुरजेवाला ने कहा कि इसका खामियाजा जहाँ दक्षिण हरियाणा, यानी रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, झज्झर और गुड़गाँवा के किसान को तो भुगतना ही पड़ेगा, जहाँ 15bhp से ज्यादा की मोटर ट्यूबवेल पर लगती है, क्योंकि भूजल स्तर 400 फुट से नीचे है। वहां उत्तरी हरियाणा यानी यमुना नगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, जींद आदि में भी भूजल स्तर 300 से 400 फुट से नीचे गिर गया है तथा इन किसानों को भी परिणाम भुगतना पड़ेगा। हालाँकि भम्ल ने कहा है कि सरकार चाहे तो इन ट्यूबवेलों पर सब्सिडी दे सकती है, ताकि दरें न बढ़ें, पर नायब सैनी सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।
- HT सप्लाई यानी राइस मिल, कॉटन मिल, पानीपत टेक्सटाइल मिल, यमुना नगर- अंबाला का बर्तन व साईंटिफिक इंस्ट्रूमेंट उद्योग, कुरुक्षेत्र-करनाल की एग्रीकल्चर ईक्विपमेंट इंडस्ट्री व पूरे हरियाणा के उद्योग की पीड़ा देखिए कि 11 किलोवॉट बिजली लोड तक ₹6.65 प्रति यूनिट से बढ़कर ₹6.95 प्रति यूनिट, यानी 30 पैसा प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी + 'फिक्स्ड चार्ज' ₹165 प्रति किलोवॉट से बढ़ाकर ₹290 प्रति किलोवॉट प्रति महीना, यानी 11 किलोवॉट का लोड है, तो ₹1325 प्रति महीना अतिरिक्त बोझ डाल दिया।
- मंदिरों की बिजली सप्लाई की दरें भी अब घरेलू बिजली सप्लाई के बराबर बढ़ा दी गई हैं व मंदिरों पर भी बिजली दरों का बोझ बढ़ा दिया गया है। मंदिरों का लोड तो आम तौर पर 5 किलोवॉट से ज्यादा ही है, तो इसलिए अब मंदिरों की बिजली सप्लाई की हर यूनिट पर न केवल ₹6.50 प्रति यूनिट देना पड़ेगा, बल्कि ₹75 प्रति किलोवॉट प्रति महीने का अतिरिक्त खर्चा भी देना पड़ेगा।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 'जजिया कर' की इस वसूली पर मुख्यमंत्री नायब सैनी जवाब दें व हिसाब दें। जीरो टैक्स बजट के जुमले गढ़कर झूठी वाहवाही लूटने वाले मुख्यमंत्री नायब सैनी का अब इस बिजली बढ़ोत्तरी से वसूले जा रहे अतिरिक्त 5000 करोड़ की डकैटी पर जवाब देना चाहिए। कांग्रेस पार्टी की मांग है कि बढ़ी हुई बिजली दरें फौरन वापस ली जाएं, ताकि 2 करोड़ 10 लाख से ज्यादा लोग, जो बीपीएल श्रेणी में शामिल हैं, व अन्य हरियाणवियों को राहत मिल सके। भाजपाई जान लें कि अगर बिजली दरें वापस नहीं लीं, तो जन आंदोलन भी होगा और जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।