नई दिल्ली। डायबिटीज आज के समय में एक बेहद गंभीर बीमारी है, जो तेजी से अपने पैर पसार रही है। यह बीमारी शरीर में इंसुलिन हार्मोन के असंतुलन के कारण होती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर कंट्रोल करना काफी जरूरी होता है। शुगर कंट्रोल करने के लिए दवाओं के साथ-साथ आयुर्वेदिक और कुछ नेचुरल उपाय भी कारगर साबित होते हैं।
इन्हीं में से एक है करेले का जूस। करेला न केवल डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार है, बल्कि यह सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद है। आइए जानते हैं कि करेले का जूस डायबिटीज कंट्रोल करने में कैसे मदद करता है और इसे बनाने का सही तरीका क्या है।
करेले का जूस डायबिटीज कंट्रोल करने में कैसे मदद करता है?
- ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है- करेले में मौजूद चारेंटिन और मोमोर्डिसिन जैसे तत्व ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं। ये तत्व इंसुलिन के सीक्रेशन को बढ़ाते हैं और सेल्स को ग्लूकोज का इस्तेमाल करने में मदद करता है। इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है।
- इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाता है- करेले का जूस शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है। इससे सेल्स ग्लूकोज को बेहतर तरीके से अब्जॉर्ब कर पाते हैं और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
- एंटी-डायबिटिक गुण- करेले में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जो शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं। यह पैंक्रियाज को हेल्दी रखता है और इंसुलिन के सीक्रेशन में सुधार करता है।
- वजन कंट्रोल में सहायक- डायबिटीज के मरीजों के लिए वजन कंट्रोल बहुत जरूरी है। करेले का जूस मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है। यह कैलोरी में कम और फाइबर से भरपूर होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है।
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर- करेले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। डायबिटीज के मरीजों में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस ज्यादा होता है, जिसे करेले का जूस कम करने में मदद करता है।