चंडीगढ़। कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव में भाग लेकर लौटीं चार दशक से छोटे व बड़े पर्दे पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहीं फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री ने मुंबई रवाना होने से पूर्व चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रही थी| उन्होंने बेबाकी से महिलाओं के विषयों पर अपनी बात रखी। अपने फिल्मी कैरियर को सांझा किया।
फिल्म के हिट होने में पर्दे के पीछे काम करने वालों की भूमिका अहम
वेब सीरीज आम आदमी के बेहद करीब
संसद से लेकर समाज के बीच महिलाओं को पेड पीरियल लीव के विषय पर भाग्यश्री ने बेबाकी से अपनी बात रखते हुए कहा कि वे इस विषय पर सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महिलाओं को पेड पीरियड लीव दी जाए, यह यही नहीं है। भाग्यश्री ने कहा कि पीरियड नारी की शक्ति है। इस पर हमें किसी तरह की दया नहीं चाहिए। यह हमारे लिए बाधा नहीं है। हमें दया की बजाय यह सोचना चाहिए कि इस विषय पर समाज में जागरुकता आए। पुरुष समाज को यह विषय समझ में आए। इस पर खुलकर बात हो सके और इसके प्रति संकीर्णता समाप्त हो सके।
उन्होंने कहा कि हरियाणा की धरती से शुरू हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और सेल्फी विद डॉटर अन्तर्राष्ट्रीय अभियान का असर पूरे देश में बहुत सकारात्मक दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि औरत में जो नरमी व केयरिंग नेचर होती है, उसके साथ-साथ उतनी ही शक्ति होती है। शास्त्रों में औरत का दर्जा बहुत ऊपर माना जाता है। औरत घर की मजबूत नींव होती है।
प्रोफेशन और परिवार के बीच सामंजस्य बिठाने के सवाल पर भाग्यश्री ने कहा कि सबसे अहम बात है कि आपकी प्राथमिकता क्या होती है। आपके पास 24 घंटे होते हैं तो उसमें जो प्राथमिकता होती है, उसे करते हैं। मैं एक लिस्ट बनाती हूं। रोजाना और प्राथमिकता तय करती हूं। काम के अलावा परिवार में कनेक्टिविटी रखती हूं। जब आदमी काम में व्यस्त हो जाता है तो यह चीज छूट जाती है। परिवार से अपनों से दूर होते रहते हैं।
उसे साथ लेकर चलना जरूरी है। अपने 40 साल के फिल्मी सफर पर बात करते हुए भाग्यश्री ने कहा कि उनकी टीवी के माध्यम से शुरूआत हुई थी। अमोल पालेकर की बेटी और मेरी मित्रता थी। मेरी इच्छा नहीं थी कि मैं फिल्मी दुनिया में कदम रखूं। पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहती थी। अमोल जी ने मेरी सबसे छोटी बहन पूर्णिमा को साइन किया। एक लडक़ी का उसमें किरदार था। अगले दिन शूटिंग थी और वह काम पर नहीं आई।
रात के समय अमोल अंकल आए और बोले कि मदद चाहिए। मैं हड़बड़ा गई। उनके जाने के बाद मेरे पिता ने मुझे समझाया कि सैट पर बहुत कुछ सीखने को होता है। हीरो या हीरोइन के अलावा। आज भी मैं मानती हूं कि फिल्म की कामयाबी में सभी का उतना हाथ होता है, जितना पर्दे पर दिखने वाले किरदार का होता है। लेखक, मेकअप मैन, कैमरा मैन, निदेशक सभी की मेहनत से ही कोई फिल्म हिट होती है। दूसरी पारी की जहां तक बात है तो अब ओटीटी की दुनिया ने बहुत कुछ बदल दिया है।
अब नई-नई कहानियां बन रही हैं, जिसमें उम्र की कोई सीमा नहीं है।
वेब सीरीज में बहुत अच्छी कहानियां आ रही हैं, जिससे हर कोई रीलेट कर पाता है। भाग्यश्री ने कहा कि आज भी मैं जहां जाती हूं तो मुझे हर वर्ग के लोगों का प्यार मिलता है। मुझे कभी नहीं लगता है कि मेरा लंबा गैप पड़ा है। उस समय जो सुमन का किरदार पर्दे पर दिखाई दिया, उसे लोगों ने अपने जीवन में ढालना शुरू कर दिया था। उस दौर का नौजवान अपनी प्रेमिका में, सास अपनी बहु में और पति अपनी पत्नी में सुमन को देखने लगा गया था।
अपनी भविष्य की योजनाओं पर भाग्यश्री ने कहा कि हाल ही में उनकी फिल्म आई है-सजनी शिंदे का वायरल वीडियो। इसे बहुत पसंद किया गया है। उन्होंने कहा कि आजकल सब लोग सोशल मीडिया पर हैं। सोशल मीडिया का आम लोगों के जीवन में क्या प्रभाव होता है यह दिखाया है। वेब सीरीज भी शूट की जा रही है।