नई दिल्ली,25 नवंबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) । पिछड़े वर्ग के विकास के साथ-साथ मोदी सरकार ने देश के सर्वाधिक पिछड़े 115 जिलों के कायापलट का भी बीड़ा उठाया है। इसी दिशा में कदम उठाते हुए केंद्र ने अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को इन जिलों का प्रभारी अफसर बनाया है। प्रभारी अधिकारियों की पहली बैठक शुक्रवार को होगी जिसमें इस बात पर मंथन किया जाएगा कि इन जिलों में पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं का विकास कैसे किया जाए।
कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक को नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा भी इस बैठक को संबोधित करेंगे। देश के सर्वाधिक इन पिछड़े जिलों में 35 जिले वामपंथी अतिवादी हिंसा से भी प्रभावित हैं। यही वजह है कि गृह सचिव विशेष रूप से इस बैठक में मौजूद रहेंगे। केंद्र के प्रभारी अधिकारियों की बैठक होने के बाद इनकी बैठक राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ होगी ताकि पिछड़े जिलों की स्थिति में बदलाव लाने के लिए मिलकर काम किया जा सके।गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सर्वाधिक पिछड़े 115 जिलों की स्थिति बदलने के लिए इन अधिकारियों को जिम्मा सौंपा है। ये अधिकारी इन जिलों की विशिष्ट जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नीतिगत कदम उठाएंगे। प्रभारी अधिकारियों की बैठक में प्रमुख मंत्रालयों के सचिव भी शिरकत करेंगे। देश के सर्वाधिक पिछड़े जिलों की पहचान शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें, बिजली और पेयजल जैसी सुविधाओं के आधार पर की गयी है। केंद्र सरकार के प्रभारी अधिकारियों की बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी ताकि इन जिलों के विकास की ठोस रणनीति बनायी जा सके।