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पाकिस्तान नहीं हुआ गंभीर, विरोध के बावजूद आतंक को दे रहा पनाह

November 25, 2017 11:50 PM

नई दिल्ली,25 नवंबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) ।  मुंबई हमले का प्रमुख मास्टर माइंड और घोषित अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज सईद को रिहा करने के पाकिस्तान की न्यायपालिका के फैसले पर भारत ने बहुत ही जबरदस्त आपत्ति जताई है। भारत ने कहा है कि इससे एक बार फिर पाकिस्तान का असली चेहरा बेनकाब हुआ है और वह यह साबित हो रहा है कि पाकिस्तान ने आतंकियों को मदद देने की अपनी नीति को नहीं बदला है।

भारत की इस कड़ी प्रतिक्रिया का असर होता है या नहीं यह अगले कुछ घंटों में पता चल जाएगा। क्योंकि पंजाब (पाकिस्तान) के ज्यूडिसिएल रिव्यू बोर्ड की तरफ से सईद को रिहा का आदेश आने के बाद उसे शुक्रवार को देर रात तक छोड़े जाने की संभावना जताई जा रही है। वहीं कुछ ऐसी भी खबरें आ रही है कि सईद के खिलाफ कोई नई धारा ला कर उसे आगे भी घर में नजरबंद रखा जा सकता है। पाकिस्तान हुक्मरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा से बचने के लिए ऐसा कर सकते हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया जताते हुए शब्दों के चयन में कोई नरमी नहीं दिखाई है। कुमार ने कहा कि, हाफिज सईद मुंबई हमले का प्रमुख साजिशकर्ता है। इस हमले में सैकड़ों भारतीय सहित कई विदेशियों की जानें गई थी। इसके अलावा भी वह पाकिस्तान के कई पड़ोसी देशों में हमला करवाने का दोषी रहा है। यह बताता है कि पाकिस्तान सरकार आतंकवाद के दोषी व्यक्तियों व संगठनों को सजा दिलाने को लेकर गंभीर नहीं है। यह बताता है कि पाकिस्तान का सिस्टम खूंखार आतंकियों को बचाता है। पाकिस्तान सरकार को अपनी अंतरराष्ट्रीय दायित्व को पूरा करते हुए हाफिज सईद जैसे आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।

भारत समेत पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसे छोड़े जाने के फैसले से गुस्से में है। सईद स्वयं अपने आतंकी होने की बात स्वीकार करता है। अगर वह बाहर आता है तो फिर से अपनी साजिशों को अंजाम देगा।पाक सरकार पशोपेश में : भारत की इस सख्त प्रतिक्रिया को लेकर पाकिस्तान में खासी सरगर्मी है। पाकिस्तान के समाचार चैनलों में इसे बेहद प्रमुखता से दिखाया जा रहा है। वहां की मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक हाफिज सईद की रिहाई को लेकर पाकिस्तान सेना और पंजाब सरकार के बीच भी तनाव है। मौजूदा राजनीतिक दल हाफिज सईद की तरफ से राजनीतिक दल के गठन करने के ऐलान से घबराए हुए हैं। दूसरी तरफ से वहां की सरकार सईद के बेलगाम होने से शांति व्यवस्था के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली जगहंसाई से चिंतित है। जबकि माना जा रहा है कि पाकिस्तान सेना के मौजूदा गेम प्लान में हाफिज सईद फिट बैठता है इसलिए वह उसकी रिहाई में अड़ंगा नहीं डालना चाहती।

सईद न सिर्फ पाक सेना की मदद से कश्मीर में आतंक की फैक्ट्री को नई खाद-पानी दे सकता है बल्कि उसकी पार्टी वहां राजनीतिक अस्थिरता भी बढ़ा सकती है जो सेना के हित में है।भारत की तरफ से हासिल सबूत भी दिखाते तो नहीं होती रिहाई :भारतीय विदेश मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान की अब आदत हो गई है कि जब उस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता है तो वह सईद के खिलाफ कार्रवाई करता है और जब यह कम हो जाता है तो उसमें ढिलाई करने लगता है।

इस बार भी ऐसा होता दिख रहा है। न्यायिक बोर्ड ने सईद को इसलिए रिहा करने का आदेश दिया है कि वहां के अधिकारी उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं पेश कर सके। अगर भारत ने सईद के मंुबई हमले में शामिल के जो सबूत दिए हैं वहीं पेश किये जाते तो उसकी रिहाई असंभव हो जाती है। इस सबूत में हाफिज सईद के संगठन के आतंकियों से रिश्ते, उसके आवाज की नकल समेत कई तथ्य हैं। इन्हें पाकिस्तान को पहले ही सौंपा गया था।

 
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