चंडीगढ़,25 नवंबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) : आवासीय क्षेत्र के लिए बनाई जा रही पार्किंग पॉलिसी ड्राफ्ट पर लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ लोग बढ़ते ट्रैफिक की वजह से इसे सही कदम मान रहे हैं तो कुछ इसे टैक्स थोपने का तरीका बता रहे हैं। लेकिन अधिकतर इसे सकारात्मक पहल मान रहे हैं। चंडीगढ़ के बाद देश के दूसरे शहर भी इसे अपना लेंगे ऐसी संभावना जताई जा रही है। लोगों को इस ड्राफ्ट पर सात दिसंबर तक अपनी आपत्तियां और सुझाव देने हैं। सुझाव और आपत्तियां लिखकर एसटीपीसीबीबीएल डॉट सीएचडी एट द रेट जीमेल डॉट कॉम पर भेजी जा सकती हैं।
ड्राफ्ट पॉलिसी पर लोगों के ये हैं सुझाव
ट्रैफिक से निपटने के लिए सख्त नियम जरूरी
शहर को बचाने के लिए ऐसे कदम उठाना बहुत जरूरी है। सर्टिफिकेट ऑफ एंटाइटलमेंट (सीओई) सही कदम है। इससे वाहनों की बढ़ती संख्या पर रोक लगेगी। वहीं मरला हाउसेज के सामने से दीवार हटाकर पार्किंग स्पेस बढ़ाने का फैसला गलत है। एक तरफ ग्रीनरी एरिया को बचाने के लिए प्रयास हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर घर के बाहर की दीवार तोड़कर ग्रीनरी एरिया को खत्म कर इसे पार्किंग में बदलने की तैयारी है। यह एकदम गलत है। इसमें अभी स्पष्टता भी नहीं है। कुल मिलाकर बात की जाए तो यह काफी सकारात्मक कदम है।
हरमन सिद्धु, सदस्य, रोड सेफ्टी काउंसिल एवं अराइव सेफ एनजीओ
पार्किंग के नाम पर थोपा जा रहा टैक्स
यह ड्राफ्ट पार्किंग पॉलिसी गलत है। इसके माध्यम से लोगों पर मोटा टैक्स थोपने की तैयारी है। मेट्रो प्रोजेक्ट भी डंप कर दिया गया है। 10 लाख की कार पर पांच लाख तो टैक्स ही देना होगा। ऐसे में लोग कार से भी नहीं चल पाएंगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर करने के लिए मेट्रो बहुत जरूरी है। टैक्स थोपने की बजाए दिल्ली और पंचकूला की तरह कदम उठाने चाहिए। दिल्ली में रिवाइज्ड बिल्डिंग प्लान तक मंजूर होता है जब ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग बनाई जाती है। पार्किंग बनाने के बाद तीन फ्लोर बनाए जा सकते हैं। वहीं पंचकूला में भी ऐसी ही पॉलिसी के तहत 4 फ्लोर की मंजूरी है। वह अपनी आपत्तियां लिखित में दर्ज करवाएंगे।
कमलजीत सिंह पंछी, अध्यक्ष चंडीगढ़ ट्रेडर्स एसोसिएशन सेक्टर-17
डिलवरी ब्वॉय, दिव्यांग और बुजुगरें को मिले छूट
यूटी प्रशासन का यह कदम स्वागत योग्य है। इसमें तीन चीजें और जोड़ने की जरूरत है। कारों को कम से कम करने के लिए डिलीवरी ब्वॉयज को 15 मिनट तक पार्किंग निशुल्क मिलनी चाहिए, इससे लोगों को घर बैठे सामान भी डिलीवर हो सकेगा। अभी अगर 25 जगह वह सामान डिलीवर करने के लिए पार्किंग में रुकता है तो उसका काफी पैसा लग जाता है। इसके अलावा दिव्यांग लोगों को व्हील चेयर या उपकरणों के लिए बड़ी गाड़ी की जरूरत रहती है। उन्हें भी कुछ छूट मिलनी चाहिए। साथ ही सीनियर सिटीजन को भी कुछ राहत मिलनी चाहिए।
नवदीप असीजा, ट्रैफिक सलाहकार, पंजाब सरकार
ऐसे रुकेगी टैक्सी चोरी
हरमन सिद्धु ने बताया कि टैक्स अधिक होने से दूसरे शहरों की गाड़ियों के बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस पर कई चैक रखने होंगे। चेन्नई और पुड्डुचेरी में भी टैक्स की वजह से ऐसे दिक्कत आई थी। चेन्नई में रोड टैक्स 13 तो पुड्डुचेरी में 4 प्रतिशत था, जिस कारण चेन्नई में पुड्डुचेरी की गाड़ियां तेजी से बढ़ रही थी। बाद में प्रशासन ने कार मालिकों की यह पड़ताल की कि वह जॉब कहां करते हैं कहां रहते हैं। उसके बाद इस पर रोक लगी।
अंडरपास, फ्लाइओवर जैसे निर्माण पर नहीं, टैक्स लगाने पर ध्यान
वाहनों पर 50 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव सही नहीं है। दुर्भाग्य की बात है कि भाजपा सरकार और यूटी प्रशासन अंडरपास, फ्लाइओवर जैसे ट्रांसपोर्ट से जुड़ी डेवलपमेंट करवाने की बजाए टैक्स भारी भरकम लगाया जा रहा है। यह एक तरह से ऑटो सेल पर चाबुक चलाने जैसा है। भाजपा सांसद किरण खेर की वजह से शहर का अहम मेट्रो प्रोजेक्ट स्क्रैप हुआ है, जिससे शहर वासियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
दविंद्र सिंह बबला, कांग्रेस काउंसलर और मेंबर, यूटी होम मिनिस्ट्री एडवाइजरी कमेटी।
पॉलिसी ड्राफ्ट में यह है सब
-पहली के बाद दूसरी कार खरीदी जाती है तो उसकी आधी कीमत के बराबर रोड टैक्स देना होगा। यानी अगर कार 10 लाख की है तो 5 लाख रुपये का रोड टैक्स देना होगा।
-चंडीगढ़ में गाड़ी चलाने और रजिस्टर करवाने के लिए सर्टिफिकेट ऑफ एंटाइटलमेंट (सीओई) देना होगा, जिससे 10 साल तक गाड़ी चलाई जा सकती है। गाड़ी की मांग बढ़ने पर सीओई की फीस बढ़ जाएगी। एक जनवरी 2018 के बाद ली जाने वाली हर कार पर लागू करने की सिफारिश है।
- छह महीने में कितनी कार रजिस्टर करनी है यह पहले ही तय होगा। कार के बाद सीओई के लिए बिड होगी।
- अपने घर की पार्किंग को दूसरों को किराए पर दिया जा सकेगा।
- पंजाब और हरियाण को छोड़ दूसरे राज्यों से आने वाली कारों को 50 प्रतिशत अधिक पार्किंग फीस देनी होगी।
- ज्यादा कार पार्क हो सकें इसके लिए मरला हाउसेज में आगे की दीवार को हटाया जा सकेगा।
- सेक्टर-17, 22, 35, 43, इंडस्ट्रियल एरिया और वी-1, 2, 3 रोड के साथ लगती जगहों पर ट्रैफिक ज्यादा होने के कारण सुबह और शाम को पीक आवर्स में पार्किंग फीस ज्यादा ली जाएगी।
- जिन आईटी कंपनियों और इंडस्ट्रियल एरिया की जिन कंपनियों में 50 से ज्यादा इंप्लाय हैं उन्हें स्टाफ बस चलानी होंगी। कंपनी परिसर से बाहर गाड़ी खड़ी करने पर प्रति कार प्रति दिन एक हजार रुपये पेनल्टी लगेगी।
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यह ड्राफ्ट है पॉलिसी नहीं। इस पर लोग खुलकर अपने सुझाव और शिकायत दे सकते हैं। लेकिन ठोस कारण भी बताने होंगे। अगर कारण सही हुए तो बदलाव भी किया जाएगा। सुझाव और शिकायत देखने के लिए कमेटी का गठन होगा। जो इन्हें एकत्र कर अंतिम निर्णय लेगी। उसके बाद पार्किंग पॉलिसी की अधिसूचना जारी होगी।
अजॉय कुमार सिन्हा, वित्त सचिव, चंडीगढ़।