Thursday, April 25, 2024
Follow us on
BREAKING NEWS
बिजली घोटाले में रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ विजीलेंस ने हाइकोर्ट में पेश की स्टेटस रिपोर्टतृतीय वाल्मीकि समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन हुआ संपन्नजींद जिले के खिलाड़ी सूरज रोहिल्ला नही हैं किसी परिचय के मोहताज पंचकूला विधानसभा की विजय संकल्प रैली 28 अप्रैल को, सीएम नायब सैनी होंगे मुख्य अतिथिइनेलो ने फरीदाबाद, सोनीपत व सिरसा में उतारे प्रत्याशीहरियाणा में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगा अकाली दल, इनेलो का करेगा समर्थनकांग्रेस ने जारी नहीं की प्रत्याशियों की असली सूची, सोशल मीडिया पर आई फर्जी सूचीआम नागरिकों व प्रशासन के बीच रैजिडैंट्स एसोसिएशन बनी सेतू: अरोड़ा
 
 
 
Chandigarh

भूमि अधिग्रहण से पहले ली जाएगी किसानों की सहमति

November 24, 2017 11:38 AM

चंडीगढ़,23 नवंबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया )  : भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों का कंसेंट लेने और मोलभाव करने (नेगोसिएशन) संबंधी ड्राफ्ट पॉलिसी को फाइनल कर प्रशासन ने प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की मंजूरी के लिए भेज दिया है। अगले सप्ताह तक इस पर प्रशासक की मंजूरी मिल जाएगी। जिसके बाद प्रशासन नोटिफिकेशन जारी कर देगा। इस पॉलिसी के बाद प्रशासन की बड़ी मुश्किल हल हो जाएगी। भूमि अधिग्रहण करने के बाद जो परेशानियां सामने आती हैं, अब उनसे निजात मिल जाएगी। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आसान और तेज करने के लिए यूटी प्रशासन ने ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार की है। इस पॉलिसी के तहत जमीन अधिग्रहण से पहले प्रशासन खुद किसान से मोलभाव (नेगोसिएशन) करेगा। नेगोसिएशन करने के लिए एक बोर्ड का गठन किया गया है। साथ ही दो कमेटी भी बनाई गई हैं, जिसमें एक कमेटी प्रशासक के सलाहकार और दूसरी लैंड इक्वीजेशन अधिकारी की अध्यक्षता में बनाई गई है। यही बोर्ड मार्केट रेट देखने के बाद नेगोसिएट कर भूमि अधिग्रहण का फाइनल रेट तय करेगा। यह सब होने के बाद बोर्ड नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी जारी करेगा। उक्त जमीन का प्रशासन विकास कार्यो के लिए अधिग्रहण कर रहा है। यह एनओसी में स्पष्ट करना होगा। पहले जहां भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में एक से डेढ़ साल लगता था, नई पॉलिसी के बाद इसे छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा।

प्रक्रिया पूरी होते-होते बढ़ जाता है मुआवजा

शुरुआत में जमीन अधिग्रहण के समय जो मुआवजा तय किया जाता है। अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने तक मार्केट रेट उससे कहीं ज्यादा बढ़ जाता है। जिसके बाद किसान बढ़े मुआवजे की मांग करने लगता है। बात नहीं बनने पर मामला कोर्ट तक पहुंच जाता है। ऐसे बहुत से मामले हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में चल रहे हैं। कई मामलों में तो कोर्ट के आदेश होने पर प्रशासन को बढ़ा मुआवजा देना पड़ा है।

कैंबवाला के किसानों को मिला था बढ़ा मुआवजा

कैंबवाला गांव के किसानों को भी प्रशासन ने बढ़े रेट के हिसाब से मुआवजा अदा किया है। नई ड्राफ्ट पॉलिसी इसलिए बनाई जा रही है, ताकि मोलभाव होने के बाद तय रेट से ज्यादा मुआवजे की मांग न की जाए। इसलिए किसानों से उनकी सहमति ली जाएगी। अभी तक प्रशासन की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में एक साल से अधिक का समय लग जाता है। जिसमें मोलभाव करने के लिए कोई जरिया नहीं है। अगर कोई व्यक्ति अपनी जमीन प्रशासन को देना चाहता है तो उससे लैंड इक्वीजेशन एक्ट के तहत जमीन ली जाती है। जमीन को लेकर सोशल इंपेक्ट असेसमेंट भी करवानी होती है।

3 हजार से अधिक एकड़ का होगा अधिग्रहण

चंडीगढ़ के आस-पास लगते गांवों में कुल 3082.67 एकड़ रिजर्व लैंड है। जिसको एक्वायर किया जाना है। इसमें से 40.10 एकड़ जमीन सारंगपुर में और 56.14 एकड़ जमीन मनीमाजरा में एक्वायर की गई है। सबसे ज्यादा जमीन करीब 400 एकड़ सारंगपुर में अधिगृहीत की जानी है। धनास में भी काफी जमीन का अधिग्रहण होना है। आइटी पार्क और कैंबवाला में भी जमीन चिह्नित की गई है।

 
Have something to say? Post your comment
More Chandigarh News
आम नागरिकों व प्रशासन के बीच रैजिडैंट्स एसोसिएशन बनी सेतू: अरोड़ा
एमिटी यूनिवर्सिटी पंजाब में पहली एमिलेक्स नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता 2024 का धूमधाम से समापन हुआ
अकाली दल प्रत्याशी एन के शर्मा ने पंजग्रामी के गांवों का किया दौरा
भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी मनीष तिवारी को 12 जून 1975 के ऐतिहासिक तथ्य याद दिलाई
चंडीगढ़ में पंजाबी को नंबर वन भाषा बना कर दिखाएंगे : संजय टंडन
ईवी को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं युवा:सुखविंदर सिंह
ईवी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को दी 18.66 करोड़ सब्सिडी:नौटियाल
सिटी ब्यूटीफुल में 31 मार्च तक शुरू होंगे 53 ईवी चार्जिंग स्टेशन
नए जनसांख्यिकीय लाभ के अवसर बढ़े:अरविंद विरमानी
महिलाओं को उद्योग जगत में नई पहचान देगा शी-फोरम