नई दिल्ली, 08 अक्तूबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) पिछले चार कारोबारी सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने देश के ऋण बाजार में करीब 5,000 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। इसके पीछे प्रमुख कारण बांडों पर विदेशी मालिकाना हक की सीमा बढ़ाया जाना है। इसी अवधि में एफपीआई ने शेयर बाजारों से 550 करोड़ रुपये की निकासी की है जिसके पीछे अहम वजह शेयरों का उच्च मूल्यांकन होना है। नवीनतम डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार तीन से छह अक्तूबर के बीच एफपीआई का ऋण बाजारों में शुद्ध निवेश 4,886 करोड़ रुपये रहा है. इससे पहले फरवरी-सितंबर 2017 में एफपीआई ने 1.4 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया, जबकि इससे पहले 2,300 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी। 5नांस डॉट कॉम के दिनेश रोहिरा ने कहा कि बेहतर रिटर्न और ब्याज दरों में गिरावट की आशा में एफपीआई ने ऋण बाजार में निवेश किया है।