चंडीगढ़,21 अक्तूबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) । पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती का हरियाणा व पंजाब के लोगों पर कोई असर नहीं हुआ। बृहस्पतिवार को दीपावली के अवसर पर दोनों राज्यों के लोगों ने न केवल जमकर पटाखे फोड़े बल्कि प्रदूषण भी खूब फैलाया। लोगों ने प्रदूषण फैलाकर अपने ही जीवन में जहर घोलने का काम किया है। इस प्रदूषण का असर जहां अगले कई दिनों से वायुमंडल में मौजूद रहेगा वहीं इस प्रदूषण से लोगों को कई तरह की बीमारियों से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद देररात तक चलाए गए पटाखे
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी की रिपोर्ट
दोनों राज्यों में पंचकूला में फैला सबसे कम प्रदूषण
एनजीटी की चेतावनी के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस बार दीपावली के अवसर पर पटाखे फोडऩे को लेकर काफी सख्ती दिखाई थी। इसके बावजूद शुक्रवार को दोनों राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी की गई रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि लोगों को न तो अपने स्वास्थ्य की परवाह है और न ही हाईकोर्ट के आदेशों की। यही नहीं हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद दीपावली के दौरान पुलिस तथा सिविल प्रशासन के अधिकारी भी मूकदर्शक बने रहे।
हाईकोर्ट ने जिला उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को इस मामले में कार्रवाई के लिए कहा था लेकिन पंजाब व हरियाणा इस कार्रवाई के नाम पर केवल औपचारिकता ही पूरी की गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आज जारी की गई रिपोर्ट का सुखद पहलू यही है कि पिछले वर्षों के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को हवा में जिस स्तर तक प्रदूषण फैलने का अनुमान था। इस बार उससे कम प्रदूषण फैला है।
दीपावली की रात प्रदूषण फैलाने के मामले में पंजाब वासियों ने हरियाणा वासियों को भी पीछे छोड़ दिया है। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार दीपावली की रात से अगले दिन सुबह तक वायु प्रदूषण के ज्यादा फैलने की आशंका रहती है। इसके बाद स्थान ध्वनि प्रदूषण का होता है। ध्वनि प्रदूषण आमतौर पर न केवल रात्रि के समय रहता है बल्कि वह कुछ समय तक ही असर दिखाता है। इसके उलट वायु प्रदूषण का असर कई दिनों तक रहता है। जिसके चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इसे बेहद गंभीर माना जाता है।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले वर्षों के अनुभव के आधार पर इस वर्ष दीपावली के दौरान एयर क्वालिटी इंडैक्स के 450 तक पहुंचने का अनुमान जताया था। बोर्ड द्वारा गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक तथा पंचकूला में वायु प्रदूषण मापने के लिए यंत्र लगाए गए थे। इन यंत्रों के माध्यम से आज दोपहर 12 बजे तक की रिपोर्ट एकत्र की गई है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में दीपवली के दौरान गुरुग्राम सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा है। दीपवली की रात से लेकर सुबह तक यहां एयर क्वालिटी इंडैक्स 360 दर्ज किया गया है। दूसरे नंबर 333 एयर क्वालिटी इंडैक्स के साथ फरीदाबाद रहा है। हरियाणा की राजनीतिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध रोहतक शहर में भी एयर क्वालिटी इंडैक्स का पैमाना 302 तक पहुंचा है। दीपवली की रात पटाखे फोडक़र प्रदूषण फैलाने के मामले में अन्य शहरों के मुकाबले हरियाणा की मिनी राजधानी के रूप में विकसित हो रहे पंचकूला से अच्छी खबर आई है। इस वर्ष यहां सबसे कम एयर क्वालिटी इंडैक्स का पैमाना 180 रिकार्ड किया गया है। अर्थात् पंचकूला में इस बार दीपवली के दौरान लोगों ने कम पटाखे फोड़े हैं।
दूसरी तरफ पंजाब में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सबसे अधिक पटाखे लुधियाना वासियों ने जलाए हैं। लुधियाना में पिछले वर्ष जहां एयर क्वालिटी इंडैक्स 302 था वहीं इस बार यह बढक़र 372 पहुंच गया है। पंजाब में इस वर्ष दीपवली के दौरान सबसे प्रदूषित शहर लुधियाना को ही माना गया है। दूसरे नंबर पर राज्य का धार्मिक शहर अमृतसर रहा है। हालांकि पिछले वर्ष के मुकाबले अमृतसर में भी इस वर्ष दीवाली के दौरान वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। अमृतसर में पिछले वर्ष जहां एयर क्वालिटी इंडैक्स 270 था वहीं इस बार यह बढक़र 311 तक पहुंच गया है। इसके अलावा राज्य की लोहा मंडी के रूप में प्रसिद्ध मंडी गोबिंदगढ़ प्रदूषण फैलाने के मामले में तीसरे स्थान पर आया है। पंजाब प्रदूषण बोर्ड ने यहां एयर क्वालिटी इंडैक्स 276 दर्ज किया है। दोनों राज्यों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
द्वारा जहां अगले सप्ताह यह रिपोर्ट सरकार को भेज दी जाएगी वहीं इस बार इस रिपोर्ट को हाईकोर्ट में भी पेश किया जाएगा।