पंचकूला 17 अक्तूबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के लिए मुखबरी करने वाले चंडीगढ़ पुलिस के हेड कांस्टेबल लालचंद को पंचकूला पुलिस ने कोर्ट में पेश करके 6 दिन के रिमांड पर लिया है। आरोपी 17 अगस्त के बाद से डेरा प्रमुख को पंचकूला पुलिस की गतिविधियों की जानकारी दे रहा था। उसकी मुखबरी के हिसाब से ही डेरा प्रमुख के भगाने की प्लानिंग बनाई गई थी। पुलिस ने दलील दी कि आरोपी से पता करना है कि रेकी करने के बाद उसने क्या जानकारी जुटाई थी। आरोपी गन प्वाइंट के सहारे ही गुरमीत को पुलिस से छुड़वाना चाहता था। इन दलीलों के बाद कोर्ट ने आरोपी को रिमांड पर भेज दिया। वहीं, पुलिस द्वारा राजस्थान की 45 सदस्यीय कमेटी के सदस्य गोपाल बंसल को भी कोर्ट में पेश करके चार दिन के रिमांड पर लिया गया है। आरोपी बंसल को राजस्थान के हनुमानगढ़ से रविवार देर शाम गिरफ्तार किया गया था।
दूसरे पुलिस कर्मियों से कहा था : गुरमीत को बुलेट पू्रफ में बैठाओ
सूत्रों के मुताबिक लालचंद ने प्लानिंग की थी कि यदि डेरा प्रमुख को सजा हो जाती है तो उसे कैसे कोर्ट परिसर से भगाना है और कहां पर रखना था। सब जानकारी पुलिस को जुटानी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार जैसे ही गुरमीत को सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट से बाहर लाया गया तो लालचंद दूसरे पुलिसवालों से उसे बुलेटप्रूफ गाड़ी में बैठाने को कहने लगा था लेकिन पुलिसकर्मी तैयार नहीं हुए। उसके बाद उसने कोशिश की थी कि गुरमीत के खास कमांडोज को भी उसके साथ गाड़ी में बैठा दिया जाए। लेकिन उसका यह प्लान भी फेल हो गया।
गाड़ी को भगाना था हिमाचल की तरफ
लालचंद की ही जिम्मेदारी थी कि गुरमीत को गन प्वाइंट पर गाड़ी से उतरवाना है। उसके बाद उसे बुलेटप्रूफ गाड़ी से चंडीगढ़ में लाकर हिमाचल की तरफ भाग जाना शामिल था। लालचंद के वायरलेस सेट से ही सभी मैसेज फ्लैश किये जा रहे थे। कोर्ट के बाहर आकर भी उसने एक कमाडो को अफसरों से भिड़ने का इशारा किया था। कमाडोज ने भी ऐसा ही किया लेकिन इस दौरान भी लालचंद गुरमीत तक नहीं पहुंच पाया। उसने प्लानिंग के तहत एक बुलेटप्रूफ गाड़ी साथ लगा दी ताकि बीच में घेरकर उसे छुड़ाया जा सके।
वायरलेस फ्रीक्वेंसी तक पता थी लालचंद को
लालचंद को वायरलेस की फ्रीक्वेंसी पता थी, इसलिए हर सूचना गुरमीत की जैमर लगी गाड़ी में बैठे कमाडोज को वायरलेस सेट पर भी मिल रही थी। उसके बाद गुरमीत को कमांड एरिया तक ले जाया गया। जहां से उसे सुनारिया जेल ले गए थे।
सुखदीप की बुआ और भाई न्यायिक हिरासत में
हनीप्रीत को पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार सुखदीप कौर की बुआ और भाई को पुलिस ने अदालत में पेश किया जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। 25 अगस्त को पंचकूला में हुए दंगों के बाद से फरार हनीप्रीत ने बठिंडा में इस परिवार के घर पर शरण ली थी। दोनों आरोपी सुखदीप कौर की बुआ शरणजीत कौर और फुफेरा भाई म¨हद्र सिंह हैं। इनके घर से पुलिस को कुछ और भी सुबूत मिले हैं। पुलिस के मुताबिक फरार रहते हुए हनीप्रीत ने 9 सितंबर से 2 अक्टूबर के दौरान गांव जंगी राणा में पनाह ले रखी थी।