चंडीगढ। प्रदेश में कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल के लिए 102 शिशु गृह प्रारंभ कर चुका महिला एवं बाल विकास विभाग जल्द ही उन 80 शिशु गृह को पुन: शुरू करने जा रहा है, जो राष्ट्रीय शिशु गृह योजना के माध्यम से संचालित होते थे। केंद्र सरकार के बाद अब प्रदेश सरकार की मंजूरी मिलने के बाद अप्रैल माह से ही इन्हें शुरू कर दिया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने यह खुलासा रविवार को अपने कार्यालय में के्रच वर्कर्स एंव हैल्पर्स यूनियन की राज्य महासचिव पूजा राठी के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान किया। मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि वर्ष 2016 तक भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में हरियाणा राज्य समाज कल्याण बोर्ड व हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के माध्यम से शिशु गृहों का प्रबंधन किया गया था।
केंद्र सरकार पहले ही दे चुकी है हरी झंडी
महिला एवं बाल विकास मंत्री बोली अप्रैल में होगा प्रशिक्षण
राष्ट्रीय शिशु गृह योजना के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 1 जनवरी 2017 से टेकओवर करते हुए 60 प्रतिशत केंद्र सरकार का शेयर तथा 40 प्रतिशत राज्य सरकार के शेयर से शिशु गृहों को संचालित किया जाने लगा। इस दौरान विभाग द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान बंद पाए गए शिशु गृहों को पुन: खोलने को लेकर यूनियन से जो अनुरोध प्राप्त हुआ था, उसे गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार को भेजा गया था। केंद्र सरकार द्वारा इसकी अनुमति दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा भी रोहतक, जींद, पानीपत, सोनीपत, हिसार, भिवानी, झज्जर, पलवल व रेवाडी के शिशु गृहों के निष्क्रिय केंद्रों को पुन: शुरू करने की मंजूरी दे दी गई है।
मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि इन 80 शिशु गृहों को अप्रैल माह से शुरू करने के निर्देश विभाग को दे दिए गए हैं। चूंकि विभाग द्वारा कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल के लिए इन शिशु गृहों को प्रभावी तरीके से शुरू किया जा रहा है, तो विभाग इनमें कार्यरत रहे स्टाफ को भी जल्द प्रशिक्षित करेगा, ताकि शिशु गृहों का संचालन बेहतर तरीके से हो सके। इस पर यूनियन की महासचिव पूजा राठी, जींद जिलाध्यक्ष अनीता, कमलेश एवं सीमा आदि ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं मंत्री कमलेश ढांडा का आभार व्यक्त किया।