चंडीगढ़, 19 मार्च। पाकिस्तान द्वारा मदद प्राप्त आतंकवाद को दोनों मुल्कों के रिश्तों के सामान्य होने में सबसे बड़ा रुकावट बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को नसीहत दी कि वह भारत के साथ अमन के मुद्दे पर घुमावदार भाषण देने की बजाय पुख्ता कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजवा को पहले आई.एस.आई. को कंट्रोल करना चाहिए, उसके बाद ही भारत-पाक रिश्तों में स्थिरता बारे बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रति नरम रूख भारत तब तक नहीं अपना सकता, जब तक पाकिस्तान अपने खोखले वादों की जगह पुख्ता अमलों के साथ अपनी संजीदगी साबित नहीं कर देता।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की पाक सेना प्रमुख को नसीहत
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि सरहद पार से भारत में घुसपैठ अभी भी जारी है और सरहदों पर रोजाना भारतीय सैनिक मारे जा रहे हैं। पाकिस्तान से हर रोज ड्रोनों के द्वारा पंजाब में हथियार और हेरोइन पहुंचाई जा रही है। मेरे राज्य में रोजाना गड़बडिय़ां पैदा करने की कोशिशें हो रही हैं। पहले यह सब कुछ रुकना चाहिए तो ही हम अमन के लिए बातचीत कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने 1964 में पश्चिमी कमांड में जनरल अफसर कमांडिंग-इन-चीफ के ए.डी.सी. के तौर पर अपने निजी तजुर्बें का हवाला देते हुए कहा कि भारत का भरोसा जीतने के लिए पाकिस्तान को अमन की कोशिश की पेशकश के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा ‘‘तब हमें पश्चिमी सरहद से रोजाना गोलीबारी और गड़बड़ी की रिपोर्ट मिलती थीं, जैसे कि अब मिल रही हैं।’’ कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह बात जरूरी है कि सिर्फ बाजवा नहीं, बल्कि समूची पाकिस्तानी सेना लीडरशिप भारत के साथ शान्ति का रास्ता अपनाए और अतीत की बातें भुलाने वाले विचार के पक्ष में आए। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी भी दोनों मुल्कों के बीच अमन के रास्ते में रुकावट नहीं पैदा की, जबकि पाकिस्तान द्वारा ही रोड़े बिछाऐ गए हैं।