चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने धर्मांतरण कानून को लागू करने से पहले ही बदलाव शुरू कर दिया है। नए संशोधनों के साथ उसे अब विधानसभा के आगामी सत्र में रखा जाएगा। इसकी तैयारी अभी से शुरू हो चुकी है। जिस कानून के लागू होने से विपक्ष सदन के भीतर और बाहर हंगामा कर सकता है। सरकार उन कानूनों को एक साथ नहीं लाना चाहती है।
हरियाणा में पिछले कुछ वर्षों के दौरान प्यार का झांसा देकर धर्म परिवर्तन की घटनाएं होती रही हैं। फरीदाबाद में हुए निकिता तोमर हत्याकांड के बाद गृहमंत्री अनिल विज ने यह कानून बनाने के निर्देश जारी किए थे। विज पिछले दस साल में हुई इस तरह की घटनाओं पर भी रिपोर्ट मांग चुके हैं। इन घटनाओं को ध्यान में रखकर ही यह कानून बनाया जा रहा है।
हरियाणा सरकार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान प्रदेश में चल रहे कानूनों के आगे से पंजाब का नाम हटाने, आंदोलनों के दौरान होने वाले नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों से करने तथा जबरन धर्मांतरण कानून को लागू करने के विधेयक लाना चाहती थी। सत्र से पहले इसकी तैयारी हो चुकी थी। कांग्रेस द्वारा संपत्ति क्षति बिल को लेकर हंगामा किए जाने के चलते सरकार ने धर्मांतरण बिल को टाल दिया। इस बिल को लेकर गठबंधन भी एकमत नहीं है।
अब विधानसभा के अगले सत्र में लाएगी सरकार
एक-एक कानून लागू हुआ तो विपक्ष नहीं कर सकेगा हंगामा
डिप्टी सीएम ने लव जिहाद शब्द पर जताई थी आपत्ति
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पहले ही साफ कर चुके हैं कि अगर इस कानून में लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल हुआ और यह किसी जाति विशेष पर केंद्रीत हुआ तो जननायक जनता पार्टी इस कानून के समर्थन के बारे में विचार कर सकती है।
दूसरी तरफ कांग्रेस ने धर्मांतरण कानून को प्रदेश में एक जाति विशेष के लिए खतरा बताते हुए पहले ही विरोध करने का ऐलान कर दिया था। इस विवाद को देखते हुए सरकार ने यह कानून टाल दिया है। इस सत्र के दौरान कांग्रेस के विरोध के बावजूद संपत्ति क्षति वसूली बिल पास हो चुका है। इस बिल को पास करवाने में गठबंधन ने जहां सरकार का सहयोग किया वहीं कांग्रेस भी ज्यादा हंगामा नहीं कर सकी। अब अगले सत्र में धर्मांतरण कानून पर चर्चा के बाद पास करवाया जाएगा।