चंडीगढ़। हरियाणा में अब किसी भी विरोध प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों द्वारा किए जाने वाले नुकसान की भरपाई आंदोलनकारी ही करेंगे। सरकार उनसे वसूली करेगी। गुरुवार को हरियाणा विधानसभा में भारी हंगामे के बीच संपत्ति क्षति विधेयक पास कर दिया गया। गृहमंत्री अनिल विज ने सदन में यह विधेयक सदन में रखा तो करीब एक घंटे तक न केवल इस पर चर्चा हुई बल्कि कांग्रेसियों ने इसका पुरजोर विरोध किया। कांग्रेस का तर्क था कि यह कानून किसान आंदोलन के कारण किसानों की आवाज को दबाने के लिए लाया जा रहा है। दूसरी तरफ सरकार ने सदन में इस विधेयक के पक्ष में अपना तर्क दिया।
बिल के विरोध में कांग्रेस ने किया हंगामा
भाजपा-जजपा ने ध्वनिमत से किया प्रस्ताव पारित
गृह मंत्री अनिल विज संपत्ति क्षति वसूली विधेयक-2021 पेश करते हुए कहा कि बिल ड्रॉफ्ट करने से पहले गृह विभाग के अधिकारियों ने यूपी सहित दूसरे राज्यों के इस तरह के कानून का अध्ययन किया था। सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामलों में सजा के साथ जुर्माने का भी प्रावधान होगा। पिछले साल यूपी सरकार ने जब ऐसा कानून बना दिया तो हरियाणा ने भी इस पर तेजी से काम शुरू किया। विधेयक के अनुसार सरकारी के साथ प्राइवेट संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामलों में दोषी पाए जाने पर एक साल की जेल या 5 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया है।
इस विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस विधायक किरण चौधरी, रघुबीर सिंह कादयान, गीता भुक्कल ने तर्क दिया कि पहले से ही आईपीसी व सीआरपीसी में कई तरह के प्रावधान हैं। ऐसे में यह विधेयक राजनीति से पे्ररित है। इसका प्रदेश में कोई औचित्य नहीं है। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसे लंबित करने की मांग करते हुए कहा कि यह जल्दबाजी में रखा गया विधेयक है। इसे लाने से पहले अध्यनन की जरूरत है। गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि सरकार शांतिपूर्वक होने वाले धरने-प्रदर्शनों के समर्थन में है। यह लोंकतांत्रिक प्रणाली का हिस्सा है लेकिन विरोध प्रदर्शनों के दौरान सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना गलत है। इस विधेयक को लेकर सदन में करीब एक घंटे तक बहस होती रही। इस दौरान कांग्रेसी कई बार स्पीकर वेल में आए। भारी हंगामें व शोरगुल के बीच गृहमंत्री द्वारा पेश किए गए विधेयक का भाजपा व जजपा के विधायकों ने ध्वनि मत से समर्थन किया। जिसके बाद सदन में यह विधेयक पास हो गया।