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मामला जहरीली शराब से 47 मौतों का
February 18, 2021 09:09 PM
चंडीगढ़, 17 फरवरी। हरियाणा में जहरीली शराब से हुई 47 मौतों के मामले में एसआईटी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट पूरी तरह से सवालों के घेरे में आ गई है। यह जांच रिपोर्ट भले ही अभी सार्वजनिक नहीं हुई है लेकिन अफसरशाही का बड़ा वर्ग इससे सहमत नहीं है। गृह मंत्रालय के भी कई अफसर एसआईटी की रिपोर्ट को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं।
अफसरशाही में इस बात को लेकर चर्चा है कि एसआईटी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया। एसआईटी को जो जिम्मा सौंपा था, उस पर फोकस तो किया गया लेकिन उसकी जड़ में भी एसआईटी नहीं गई। अलबत्ता एसआईटी ने जहरीला शराब में इस्तेमाल किए गए एक्सट्रा न्यूट्रल एल्कोहल (ईएनए) का सॉर्स तो पता लगा लिया, लेकिन महाराष्ट्र में उस सॉर्स तक पहुंचने की कोशिश नहीं हुई, जहां से इसकी सप्लाई हुई।
एसआईटी द्वारा रिपोर्ट सौंपने के तुरंत बाद इसके दो सदस्यों करनाल एसपी गंगाराम पूनिया व नूंह एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने खुद को रिपोर्ट से अलग कर लिया। इतना ही नहीं, इन दोनों सदस्यों ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा को डिसेंट नोट भी उसी दिन दे दिया था, जिस दिन जाधव ने रिपोर्ट गृह सचिव को सौंपी थी।
जहरीली शराब से 47 लोगों की मौत के अलावा अवैध शराब तस्करी को लेकर एसआईटी को जांच करने का जिम्मा सौंपा था। बताते हैं कि एसआईटी ने जब लॉकडाउन के अलावा एक्साइज पॉलिसी को लेकर कई तरह की जानकारी विभाग से मांगी तो मामला सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) तक पहुंचा।