चंडीगढ़, 15 फरवरी। हरियाणा के नंबरदारों को इस साल भी स्मार्ट फोन नहीं मिलेंगे। कोरोना के कारण वित्तीय संकट का हवाला देते हुए हरियाणा वित्त विभाग ने फाइल लौटा दी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भी सरकार के पास भेजा गया था। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने फिलहाल यह फाइल लौटा दी है।
अब इस योजना पर नये सिरे से मंथन होगा। यह साफ हो चुका है कि इस बार के बजट में नंबरदारों को स्मार्ट फोन दिए जाने की योजना को शामिल नहीं किया जाएगा। प्रदेशभर में 15 हजार के लगभग नंबरदार हैं। राज्य की भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार ने सभी नंबरदारों को स्मार्ट फोन से लैस करने का निर्णय लिया था। फिलहाल इस योजना को टाल दिया गया है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्रालय डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला के पास है। विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि शुरूआत में यह प्रस्ताव बनाया था कि नंबरदारों को फोन देने का फैसला संबंधित जिलों के डीसी पर ही छोड़ दिया जाए। डिप्टी सीएम ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि चंडीगढ़ से ही किसी एक सरकारी एजेंसी के जरिये स्मार्ट फोन खरीद जाएं।
पूरी योजना बनाकर सरकार के पास भेजी गई तो उसे फिलहाल के लिए रोकने के आदेश दिए गए। साथ ही, इस पर नये सिरे से मंथन करने को कहा गया है। ऐसे में बहुत संभव है कि आने वाले दिनों में स्मार्ट फोन देने की योजना पर सीएम मनोहर लाल खट्टर व डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला विभाग के आला अफसरों के साथ विचार-विमर्श करें। वित्त विभाग से भी इस बारे में चर्चा की जाएगी।