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सरस्वती नदी पर बनेगा बांध,बैराज व जलाशय:मनोहर लाल

February 15, 2021 08:44 PM

चंडीगढ़,15 फरवरी । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने सरस्वती नदी के पुनरोद्धार के लिए एक परियोजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत आदि बद्री में सरस्वती बांध, सरस्वती बैराज और सरस्वती जलाशय का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, कैनल सप्लाई चैनल द्वारा मारकंडा नदी और सरस्वती नदी को जोड़ा जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने पर लगभग 894 हेक्टेयर मीटर बाढ़ के पानी को सरस्वती जलाशय में मोड़ा जा सकेगा। केंद्रीय जल आयोग द्वारा डैम की डिजाइनिंग का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ये बातें आज जिला यमुनानगर के आदिबद्री में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव-2021 के दौरान ‘सरस्वती नदी-नए परिप्रेक्ष्य और विरासत विकास’ विषय पर आयोजित एक सेमिनार में कही। विद्या भारती संस्कृति संस्थान और हरियाणा सरस्वती हैरिटेज विकास बोर्ड द्वारा आयोजित इस सेमिनार में मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
उन्होंने कहा कि आज सरस्वती नदी की खोज से जुड़े कार्यों में जो प्रगति हुई है, उसका श्रेय काफी हद तक स्वर्गीय दर्शन लाल जैन को जाता है। मनोहर लाल ने कहा कि सरस्वती नदी के अस्तित्व को लेकर जो शंकाएं थीं, उन सबका समाधान हो चुका है और इसके प्रवाह के वैज्ञानिक प्रमाण मिल चुके हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में इसरो, जी.एस.आई., एस.ओ.आई., ए.एस.आई., ओ.एन.जी.सी., एन.आई.एच. रुडक़ी, बी.ए.आर.सी., सरस्वती नाड़ी शोध संस्थान जैसे 70 से अधिक संगठन सरस्वती नदी विरासत के अनुसंधान कार्य में लगे हैं।

बाढ़ का पानी सरस्वती में मोडऩे की कवायद


मनोहर लाल ने कहा कि सिंधु सभ्यता के उत्थान और पतन को समझने के लिए भी सरस्वती नदी की उत्पत्ति व विलुप्ति का पता लगाना अति आवश्यक है। सरस्वती पर शोध व अन्य कार्यों के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2015 में ‘सरस्वती हैरीटेज विकास बोर्ड’ की स्थापना की गई थी। इस बोर्ड का मुख्य कार्य इस पवित्र नदी का पुनरोद्धार और संपूर्ण विश्व के समक्ष भारतीय सांस्कृतिक विरासत को उजागर करना है।
सरस्वती नदी में गिरने वाले सभी 23 छोटे चैनलों व नालों को सरस्वती नदी का नाम दिया गया है। इससे सरस्वती नदी के तीर्थों का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना ऐसे सभी स्थानों को विकसित करने के लिए भी लाभदायक होगी जहां सरस्वती नदी और उसकी विरासत के प्रमाण मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिबद्री से सिरसा तक कुरुक्षेत्र, पिहोवा, हिसार, राखी-गढ़ी, फतेहाबाद और सिरसा में राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन सर्किट के विकास से इन क्षेत्रों में तीर्थाटन के नए अवसर सृजित होंगे, जिसके परिणामस्वरूप रोजगार और व्यापार के नए अवसर पैदा होंगे। इससे पहले, केन्द्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया, हरियाणा के खेल एवं युवा मामले राज्यमंत्री संदीप सिंह तथा त्रिनिदाद और टोबैगो के उच्चायुक्त डॉ. रोजर गोपॉल ने भी सेमिनार में अपने विचार रखे।

 
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