चंडीगढ़। हरियाणा में कोरोना के कारण जेलों से पैरोल पर बाहर आए कैदियों की वापसी को लेकर जेल विभाग असमंजस में है। कोरोना वैक्सीन के बगैर कैदियों की वापसी को लेकर जेल विभाग दुविधा में है। इसके लिए जेल विभाग ने गृह विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर गाइडलाइन जारी करने की मांग की है। संभ्वत शनिवार तक इस संबंध में सरकार कोई फैसला ले।
हरियाणा में कोरोना के कारण पिछले साल जेलों में बंद कैदियों व हवालातियों को पैरोल दी गई थी। सरकार द्वारा कैदियों की पैरोल में लगातार वृद्धि की जा रही है। वर्तमान में दिसंबर माह के दौरान दी गई पैरोल की अवधि 15 फरवरी को समाप्त होने जा रही है। इस समय प्रदेश पूरी तरह लॉकडाउन से बाहर आ चुका है। नई गाइडलाइन के साथ कुछ खुल चुका है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अब फिर से कैदियों को वापस जेलों में भेज दिया जाएगा, लेकिन जेल विभाग की इस योजना में कई तकनीकी समस्याएं आ रही हैं। हरियाणा में इस समय करीब साढे चार हजार कैदी व हवालाती पैरोल पर हैं।
पिछले कई माह से घरों में रहने के कारण यह कैदी आम लोगों से मिल रहे हैं। दूसरी तरफ जेलों में रह रहे कैदियों को जेल विभाग द्वारा शुरूआती दौर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले होम्योपैथी की दवाई तो दी गई लेकिन अभी उन्हें तथा जेल स्टाफ को कोरोना वैक्सीन नहीं दी गई है। जो कैदी जेलों से बाहर हैं उनकी भी कोरोना जांच नहीं हुई है। ऐसे में जेल विभाग कैदियों को वापस जेलों में बुलाने को लेकर असमंजस में है।
जिसके चलते शुक्रवार को जेल विभाग के अधिकारियों ने स्वास्थ्य तथा गृह विभाग को पत्र लिखकर पैरोल पर बाहर गए कैदियों के संबंध में नई गाइडलाइन जारी करने की बात कही है। यह गाइडलाइन जारी होने के बाद ही हरियाणा की जेलों से रिहा किए गए कैदियों के बारे में फैसला होगा।