चंडीगढ़। कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों की ओर से शनिवार को किए चक्का जाम का हरियाणा में व्यापक असर देखने को मिला। प्रदेश में किसानों ने प्रदेश में सौ से अधिक स्थानों पर नेशनल और स्टेट हाइवे पर चक्का जाम किया। जिस कारण मुख्य मार्गों पर जाम की स्थिति बनी रही। पुलिस को यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। किसानों के चक्का जाम से मुख्य मार्गों पर आवाजाही पूर्ण रूप से बंद रही।
प्रदेश में किसानों ने दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक किसानों की ओर से चक्का जाम किया गया। चक्का जाम का ज्यादा असर रोडवेज पर दिखाई दिया। दोपहर बाद रोडवेज की बसें दिखाई नहीं दी, हालांकि तीन बजे के बाद स्थिति सामान्य होते ही रोडवेज बसें सडक़ों पर उतरी।
किसान संगठनों ने सौ से अधिक स्थानों पर रोका ट्रैफिक
आंदोलनरत किसानों के चक्का जाम के ऐलान को लेकर पुलिस पूरी तरह अलर्ट रही। चक्का जाम का कांग्रेस व इनेलो का पूरा समर्थन रहा। सुबह ही निर्धारित स्थानों पर किसान एकत्रित होने शुरू हुए और दोपहर 12 बजे तक किसानों ने बड़ी संख्या में इक_े होकर कृषि कानूनों का विरोध जताया। राहत की बात यह रही कि चक्का जाम के दौरान प्रदेश में माहौल शांतिपूर्ण बना रहा। किसानों की हर गतिविधि पर पुलिस ने निगरानी रखी। वहीं तीन बजे के बाद यातायात स्थिति सामान्य होनी शुरू हो गई थी। हरियाणा में किसानों तकरीबन 150 से ज्यादा स्थानों पर एकत्रित होकर स्टेट और नेशनल हाइवे पर चक्का जाम किया।
किसानों के चक्का जाम को देखते हुए पुलिस ने यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए रूटों को डायर्वट किया। हालांकि इसके बावजूद भी कई जगह जाम की स्थिति बनी रही। जींद में किसानों ने जिले की सीमा में प्रवेश के सभी रास्ते बंद कर दिए थे। पानीपत में किसानों ने टोल प्लाजा के पास जाम लगाया तो किसानों ने दिल्ली और करनाल की तरफ से आने वाले वाहनों को रोक दिया। हालांकि
किसानों ने एंबुलेंस व इमरजेंसी वाहनों को जाने की इजाजत दी। कैथल में किसानों ने तितरम मोड़ पर ट्रैक्टर-ट्रालियां खड़ी करके रास्ते को बंद किया। हिसार के नारनौंद के माजरा प्याऊ पर किसानों ने जाम लगाया। भिवानी में किसानों ने भिवानी-चरखी दादरी मार्ग पर कितलाना टोल प्लाजा पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। प्रदेश के अन्य जिलों में भी चक्का जाम किया जहां किसी प्रकार की अप्रिय घटना का समाचार नहीं है।