चंडीगढ़, 24 जनवरी। हरियाणा विधानसभा में इनेलो के एकमात्र विधायक अभय चौटाला ने साफ कर दिया है कि 27 जनवरी को वह विधानसभा स्पीकर से मुलाकात करे विधायक पद से इस्तीफा देंगे। इससे पहले पंचकूला में पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है। जिसमें कृषि कानूनों पर पार्टी द्वारा शुरू किए जाने वाले प्रदेशव्यापी संघर्ष की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
रविवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अभय चौटाला ने कहा कि उन्होंने 11 जनवरी को ईमेल के जरिये विधानसभा अध्यक्ष को सशर्त इस्तीफा भेजा था। इसमें उन्होंने कहा था कि अगर 26 जनवरी तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती तो 27 जनवरी को उनका इस्तीफा मंजूर समझा जाए। अब स्पीकर से मुलाकात के लिए समय मांग लिया गया है। अभय ने कहा कि 27 जनवरी को पंचकूला में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद वह सीधे विधानसभा जाएंगे। वहां स्पीकर से मुलाकात करके अपना इस्तीफा मंजूर कराएंगे। अभय ने स्वीकार किया कि उन पर इस्तीफा नहीं देने का काफी दबाव है।
उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने उन्हें फोन करके इस्तीफा न दिए जाने के लिए मनाने का प्रयास किया है लेकिन वह फैसला ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल ने हमेशा किसान-मजदूरों की लड़ाई लड़ी और उनके लिए संघर्ष किया। वह बड़े से बड़े बलिदान से पीछे नहीं हटे। मेरा इस्तीफा तो उनके बलिदानों के पीछे कुछ भी नहीं है।
कृषि कानूनों पर पंचकूला में बुलाई कार्यकारिणी की बैठक
उन्होंने बताया कि प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन में अभी तक मारे गए सभी किसानों को शहीद का दर्जा दिलवाने, मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की प्रस्ताव पास होगा। आंदोलन में इनेलो की अभी तक की भूमिका पर चर्चा होगी और आगे की रणनीति तय होगी।
विपक्ष के नेता एवं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर पलटवार करते हुए अभय ने कहा कि उनके इस्तीफे पर सवाल उठाने की बजाय हुड्डा को अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए। वह खुद भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में खुद पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा यह आरोप पूर्व सीएम पर लगा चुकी हैं। अभय ने कहा, राज्यसभा चुनाव में हुड्डा ने भाजपा समर्थित उम्मीदवार सुभाष चंद्रा की मदद करके खुद ही यह बात साबित कर दी थी।