हरियाणा में फिजियोथेरेपी से जुड़े चिकित्सकों को भी अब अपना पंजीकरण करवाना होगा। प्रदेश सरकार द्वारा गठित फिजियोथेरेपी कौंसिल ने राज्य में काम करना शुरू कर दिया है। जिसकी पहली बैठक में सभी फिजियोथेरेपिस्टों को कौंसिल के अधीन लाने का फैसला लिया गया है।
मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च विभाग की महानिदेशक डॉक्टर अवनीत पी कौर की अध्यक्षता में हुई कौसिंल की पहली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। हरियाणा में इस समय पांच हजार से अधिक लोग इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। प्रदेश सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में फिजियोथेरेपी कौंसिल के गठन को मंजूरी दी थी। जिसने नए साल में काम करना शुरू कर दिया है।
कौंसिल की रजिस्ट्रार डॉ.रजनी मलिक की मौजूदगी में हुई इस बैठक में फिजियोथैरेपी चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन व प्रदेश में फिजियोथेरेपी शिक्षा दे रहे सरकारी एवं प्राइवेट सभी शैक्षणिक संस्थानों के पंजीकरण के विषय में लागू की जाने वाली फीस का के प्रारूप पर भी चर्चा की गई। जिसके अंतर्गत प्रदेश के फिजियोथेरेपी चिकित्सकों को कांउसिल में पंजीकृत होने के लिए पांच हजार फीस देनी होगी। इसे हर पांच वर्ष में रिन्यू भी कराना होगा।
इस दौरान अन्य शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने पर उसे फिर से निर्धारित फीस देकर कांउसिल के पास पंजीकरण करवाना होगा। बैठक में कहा गया कि अगर कोई भी छात्र फिजियोथेरेपी में बैचलर शिक्षा ग्रहण करने के बाद मास्टर डिग्री करना चाहता है तो उसे भी इसके लिए काउंसिल से एनओसी लेनी होगी। साथ ही प्रदेश में कार्यरत सभी सरकारी, निजी व गवर्नमेंट एडिड शिक्षण संस्थानों को बीपीटी, एमपीटी व पीएचडी कोर्सों का संचालन करने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के तहत प्रति वर्ष सवा तीन लाख रुपए काउंसिल को जमा कराने होंगे। कौंसिल की पहली बैठक में इन नियमों का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इस संबंध में आम लोगों के दावे एवं आपत्तियां मांगने के बाद सरकार द्वारा इसे अधिसूचित कर दिया जाएगा।