हरियाणा में दो लाख मुर्गियों की संदिग्ध मौत
सरकार ने प्रदेश में जारी किया अलर्ट, मुर्गियों की बिक्री पर रोक
दो दर्जन सैंपल जांच को जालंधर लैब में भेजे
पशु पालन विभाग की टीमों ने शुरू की जांच
चंडीगढ़। हरियाणा के पोल्ट्री फार्मों में पिछले तीन दिन के भीतर दो लाख से अधिक मुर्गियों की मौत हो चुकी है। बर्ड फ्लू की आशंका के चलते प्रदेश सरकार ने जहां अलर्ट घोषित किया है वहीं पोल्ट्री फार्म संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह दस किलोमीटर के दायरे से बाहर मुर्गियों की खरीदो-फरोख्त न करें। आम लोगों को भी मुर्गे का मीट आदि खाने से गुरेज करने की सलाह दी गई है। पशु पालन विभाग ने पंचकूला स्थित मुख्यालय पर हैचरी कारोबार वाले क्षेत्रों से रिपोर्ट के लिए मंगलवार को अलग से डैस्क की स्थापना कर दी गई है।
हरियाणा में दो लाख मुर्गियों की संदिग्ध मौत
हरियाणा के पंचकूला जिला के बरवाला, अंबाला जिला के नारायणगढ़, जींद, सफीदों, करनाल व पानीपत आदि में हैचरी कोरोबार होता है। यहां से मुर्गियां तथा अंडे न केवल पड़ोसी राज्यों बल्कि विदेशों में भी सप्लाई होते हैं। हरियाणा में अंडा उद्योग का सबसे बड़ा हब बरवाला तथा सफीदों में हैं। करीब दो सप्ताह पहले पंचकूला के बरवाला स्थित पोल्ट्री फार्म में मुर्गियां मरनी शुरू हुई थी। जिसके बाद पोल्ट्री फार्म मालिकों ने आनन-फानन में मुर्गियों को पड़ोसी राज्यों के कारोबारियों को बेच दिया।
रविवार को बरवाला तथा रायपुर रानी क्षेत्र के पोल्ट्री फार्मों में एक ही दिन में 70 हजार से अधिक मुर्गियां मरी। मंगलवार दोपहर तक दो लाख से अधिक मुर्गियों की मौत हो चुकी है। मुर्गियों की मौत का यह सिलसिला लगातार जारी है। इसे देखते हुए हरियाणा सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। पशु पालन विभाग की टीमों द्वारा पोल्ट्री फार्मों पर नजर रखी जा रही है। पोल्ट्री फार्म संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह आगामी आदेशों तक मुर्गियों की खरीदो-फरोख्त को रोक दें।
हरियाणा पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक लाल चंद रंगा के अनुसार पंचकूला व अंबाला जिलों में चल रहे पोल्ट्री फार्मों से करीब 25 सैंपल लेकर जांच के लिए जालंधर भेज दिए गए हैं। अगर वहां की रिपोर्ट में बर्ड फ्लू के लक्षण मिलते हैं तो इसे पुष्टि जांच के लिए भोपाल की लैब में भेजा जाएगा।
हरियाणा पशु पालन विभाग के उप निदेशक सुखबीर राठी के अनुसार प्रदेश के अन्य जिलों से अभी मुर्गियों के मरने की खबर नहीं आई है। इसके बावजूद जिन क्षेत्रों में हैचरी का कारोबार चलता है वहां विभागीय टीमों के माध्यम से स्टेट्स रिपोर्ट मांग ली गई है।