जीरकपुर। पंजाब सरकार व जीरकपुर नगर परिषद के लाख दावों के बावजूद शहर में निजी बिल्डरों द्वारा अवैध निर्माण किए जा रहे हैं और नगर परिषद प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है। बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले अधिकारी केवल खानापूर्ति में ही लगे हुए हैं। ताजा मामला यहां के ग्रीन वैली पार्क के निकट निर्माणाधीन फियो होम्स का है।
गहरी नींद में सोई जीरकपुर नगर परिषद
आसपास की कई सोसायटियों पर मंडराया खतरा
जगह-जगह ओवर फ्लो हो रहे सीवर
जहां बिल्डर ने रातों-रात न केवल अवैध निर्माण बल्कि सीवर लाइन तक बिछा डाली। जिससे आसपास की सोसायटियों को भारी खतरा पैदा हो गया है। स्थानीय गुरजीवन विहार, स्वामी एन्कलेव, पाइन होम्स, एमएस-टू व ग्रीन वैली अपार्टमेंट के लोगों ने स्थानीय बिल्डर का विरोध किया और परिषद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्थानीय लोगों ने इस लड़ाई के में ज्वांइट एक्शन कमेटी से भी सहयोग की मांग की है।
ग्रीन वैली निवासी कृष्णलाल बंसल ने बताया कि फियो होम्स के मलिकों द्वारा यहां पार्क की तरफ दीवार निकाल दी गई है। जिससे यहां पहले से बसी सोसायटियों के हजारों लोगों के लिए दिक्कतें पैदा हो गई हैं।
स्वामी एन्कलेव निवासी रामकुमार शर्मा ने बताया कि अवैध रूप से सीवर लाइन डालने के कारण यहां पहले से डाली गई लाइन पर और बोझ डल गया है। कई जगह सीवर ओवरफ्लो होकर सडक़ों पर बहने लगा है।
एमएस टू निवासी विक्रम गोसांई ने फियो होम्स के मालिकों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किए जाने की मांग करते हुए कहा कि यह प्रोजैक्ट डीपीएस स्कूल वाले मार्ग है और सीवर यहां की कोलोनियों में डाला जा रहा है। यहां पहले से ही सीवर ओवरलोड है।
आस्था प्रफैक्ट होम्स निवासी राजिंदर गोजा ने बताया कि बिल्डरों द्वारा यहां सडक़ों पर भी निर्माण किए जा रहे हैं और नगर परिषद की तरफ से कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के ग्रिड की तरफ जाने वाली सडक़ पर कोई भी गेट नहीं निकाला जा सकता। फियो होम्स ने गेट का निर्माण तक कर डाला। इसके बावजूद नगर परिषद के अधिकारी चुप हैं।
ज्वांइट एक्शन कमेटी के प्रधान सुखदेव चौधरी के अनुसार आसपास की कई सोसायटियों के लोगों की मांग पर नगर परिषद को चेताया गया है। नगर परिषद के अधिकारियों ने अगर एक सप्ताह के भीतर लोगों की समस्याओं का उन्होंने कहा कि परिषद अधिकारियों ने आश्वासन भी दिया था लेकिन बहुत जल्द भूल गए। समाधान नहीं किया तो लोगों की मदद से जीरकपुर को एक दिन के लिए बंद भी किया जा सकता है।