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Chandigarh

कैसे करें श्राद्ध ?

August 29, 2020 04:42 PM

 

सामग्री 

-सर्प-सर्पिनी का जोड़ा,चावल,काले तिल,सफेद वस्त्र,11 सुपारी, दूध ,जल ,माला,  -दिवंगत पूर्वजों की फोटो । 

पूर्व या दक्षिण की ओर मुंह करके बैठें.सफेद कपड़े पर सामग्री रखें]108 बार माला से जाप करें या सुख शांति,समद्धि प्रदान करने तथा संकट दूर करने  की क्षमा याचना सहित पितरों से प्रार्थना करें। हाथ में जौ, तिल, चावल लेकर जल के साथ पितृ आत्माओं का नाम लेकर भगवान सूर्य को अर्पित करें । जल में तिल डाल के 7 या 11 बार अंजलि दें.। दीप जला कर अक्षत, पुष्प, मिष्ठान भी चढ़ाएं। पितरों के नाम का एक एक नारियल चढ़ाएं। 

 यदि परिवार में पुरुष नहीं हैं तो महिलाएं भी पिंडदान कर सकती हैं।शेष सामग्री को पोटली में बांध के प्रवाहित कर दें गाय, कुत्ता, कौआ व अतिथि के लिए भोजन से चार ग्रास निकालें। हलुवा, खीर, भोजन, ब्राहमण, निर्धन, गाय,  कुत्ते, पक्षी को दें

पूर्वजों की स्मृति में श्राद्ध पक्ष में क्या करें दान ?

दान का स्वरुप

कोरोना काल में दान का स्वरुप बदल गया है। वैसे तो शास्त्रों में सुपात्र ब्राहम्ण ही दान का हकदार है परंतु आज यह वर्ग भी लगभग साधन संपन्न है, और उनकी आर्थिक स्थिति तथा उनकी आवश्यकतानुसार  अनुसार ही दान करें । 

आज स्वास्थ्य या चिकित्सा संबंधी दानों का महत्व और बढ़ गया है। आप पितरों की याद में इन चीजों का दान भी कर सकते हैं। मास्क, ग्लव्ज, दस्ताने, आक्सी मीटर, पी पी ई किट, थर्मल स्कैनर, दवाएं, सेनेटाइजर, साबुन, नैपकिन, सैनिटरी नैपकिन, औषधीय पौधे, खाद्य सामग्री या किसी निर्धन की आवश्यकतानुसार सहायता।

 

श्राद्ध सारिणी

1 सितंबर- महालय पूर्णिमा का श्राद्ध

2 सितंबर- पितृ पक्ष श्राद्ध आरंभ- पूर्णिमा-बुधवार .  नाना-नानी का श्राद्ध

3 सितंबर- प्रतिपदा का श्राद्ध

4 सितंबर- द्वितीया  का श्राद्ध

5 सितंबर- तृतीया का श्राद्ध

6 सितंबर- चतुर्थी का श्राद्ध

7 सितंबर- पंचमी का श्राद्ध जो अविवाहित अवस्था में परलोक गए हों।

8 सितंबर-षष्ठी का श्राद्ध

9 सितंबर- सप्तमी का श्राद्ध

10 सितंबर- अष्टमी का श्राद्ध

11 सितंबर- नवमी का श्राद्ध सौभाग्यवती का श्राद्ध।

12 सितंबर-दशमी का श्राद्ध

13 सितंबर-एकादशी का श्राद्ध

14 सितंबर-द्वादशी का श्राद्ध- सन्यासियों का श्राद्ध,

15 सितंबर-त्रयोदशी का श्राद्ध 

16 सितंबर-चतुर्दशी का श्राद्ध -शस्त्र,विष,दुर्घटना आदि से मृतकों का श्राद्ध

17 सितंबर-सर्वपितृ श्राद्ध ,-असमय व अज्ञात तिथि वाले  मृतकों का श्राद्ध,पितृ विसर्जन

 

 
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