चंडीगढ़। घोटालों के कारण सुर्खियों में रहने वाले खाद्य आपूर्ति विभाग के 32 दागी अफसर अब सरकार के रॉडार पर आ गए हैं। लंबे समय से भ्रष्टाचार, कार्य में कोताही, विभागीय अनियमितताओं को लेकर चल रही जांच को दबाने वाले अधिकारियों के खिलाफ अब कार्रवाई होना तय है। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने मामलों की जांच कर रहे अधिकारियों को स्टेट्स रिपोर्ट के साथ तलब कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं तो कुछ ऐसे हैं, जिनकी लापरवाही व अनदेखी की वजह से सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है। अनाज मंडियों में खरीद के दौरान अनियमितता, गोदामों में रखा अनाज गायब होने और खराब होने के अलावा कई अन्य गंभीर मामलों में इन अधिकारियों के खिलाफ सेक्शन-7 के तहत कार्रवाई लंबित है। अधिकांश केस 2016 से लंबित चले आ रहे हैं।
बुधवार को उन्होंने चंडीगढ़ में अंडर रूल-7 के मामलों में फंसे अधिकारियों व कर्मचारियों के केसों पर मंथन के लिए अहम बैठक बुलाई है। दागियों में क्लास-वन और टू के 32 अधिकारी शामिल हैं। इनमें कई मौजूदा डीएफएससी व डीएफएसओ हैं और कई ऐसे अधिकारी भी हैं जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। बैठक में फिलहाल क्लास-वन और टू के अधिकारियों के मामलों पर मंत्रणा होगी। दूसरे चरण में तृतीय श्रेणी कर्मचारियों पर भी एक्शन संभव है। सूत्रों का कहना है कि कई ऐसे अधिकारी भी हैं, जो रिटायर हो चुके हैं लेकिन उनके प्रभाव के चलते भ्रष्टाचार के मामले दबे रह गए। इनमें कई राजनीतिक लोगों के रिश्तेदार भी बताए जाते हैं,जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच पेंडिंग है।
आरोपी डीएफएससी व डीएफएसओ की पूरी कुंडली विभाग तैयार कर रहा है। अलग-अलग जिलों में उनकी पोस्टिंग के दौरान हुए घोटालों, धांधली व अनियमिताओं का पूरा रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। इन अधिकारियों के खिलाफ आई शिकायतों के अलावा विभागीय आरोपों से जुड़ी फाइलों में काफी कुछ डिटेल है। दास ने संबंधित अधिकारियों को एक-एक अधिकारी की रिपोर्ट बनाने को कहा है ताकि उन पर कार्यवाही करने में आसानी रहे।