sanjay mehra
गुरुग्राम। गुरुवार को जिला में तीज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। तीज पर झूला झूलने की परम्परा है। दामण-कुर्ती के साथ कंठी, माला, तबीजी, पाजेब, जूतियां, हंसली, बोरला आदि सजावट का सामान पहनकर महिलाएं पूरी हरियाणवी परिधान में सजी नजर आई। चेहरों पर मुस्कान लिए महिलाओं ने हरे-भरे पेड़ों के बीच झूले डलवाकर झूलने का आनंद लिया।
वैसे तो शहरी क्षेत्र में तीज पर्व एक परम्परा का निर्वहन ही रह गया है, फिर भी आज की महिलाएं इन त्योहारों को मनाने में आगे आ रही हैं। बेशक भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास समय नहीं रहा, फिर भी त्योहारों को मनाने में काफी हद तक लोग समय भी निकाल रहे हैं और त्योहारों को सेलिब्रेट कर रहे हैं। अपनी मां के साथ पहली बार तीज पर्व मना रही पूनम सहरावत कहती हैं कि उन्हें बहुत अच्छा लगा। तीज मनाते समय सभी ने हरियाणवी परिधान पहने थे। सभी ज्वैलरी भी पहनकर महिलाएं पूरी तरह से सजी हुई थी। हरियाणवी संस्कृति मेें सिर्फ त्योहारों को मनाना ही नहीं, बल्कि हरियाणवी कल्चर के परिचायक हरियाणवी डे्रस भी बहुत अधिक महत्व रखती है। इसी महत्व का मान रखते हुए महिलाओं ने यहां हरियाणवी ड्रेस पहनकर तीज मनाकर खूब आनंद लिया।
काफी महिलाओं ने व्रत रखकर मां पार्वती की पूजा अर्चना कर पति की दीर्घायु व परिवार की सुख-समृद्धि की कामना भी की। कोरोना के कारण हरियाली तीज पर ज्यादा बड़े कार्यक्रमों का आयोजन तो नहीं हो सका, लेकिन कुछ स्थानों पर महिलाओं, पुरुषों, बच्चों ने कम संख्या में एकत्रित होकर तीज पर्व को मनाया। हलवाईयों की दुकानों पर तीज का विशेष मिष्ठान माने जाने वाला घेवर खरीदते हुए लोग अवश्य दिखाई दिए। मिष्ठान की दुकानों के संचालकों का कहना है कि कोरोना के कारण घेवर की बिक्री गत वर्ष की अपेक्षा कम ही हुई है। एमजी रोड स्थित विभिन्न मॉल्स को हरियाली तीज पर सजाया गया। इन मॉल्स में महिलाओं की संख्या भी अच्छी-खासी दिखाई इस वर्ष गत वर्ष की अपेक्षा पतंगों की कीमतों में वृद्धि देखने को मिली है। कोरोना के कारण जिले के सभी मंदिर, शिवालय व आश्रम बंद हैं। महिलाओं ने अपने घरों में ही व्रत रखकर मां पार्वती की कथा सुनी और पूजा-अर्चना कर वृद्धजनों का आशीर्वाद भी लिया।